आसमान में आज दिखाई देगा अद्भुत नजारा
वैदिक पंचांग के अनुसार, 17 अक्टूबर यानी आज आश्विन पूर्णिमा है। सनातन धर्म में आश्विन पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर शरद पूर्णिमा भी मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसके लिए चंद्रमा अधिक चमकीला होता है। पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान और दान-पुण्य किया जाता है। इस शुभ तिथि पर गंगा स्नान करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आश्विन पूर्णिमा खास रहने वाला है। आज के दिन आसमान में अद्भूत नजारा दिखाई देगा। आज चंद्रमा आकार में बड़ा और अधिक चमकीला दिखाई देगा। आज आश्विन पूर्णिमा पर सुपर मून दिखाई पड़ेगा। अगर मौसम साफ रहा तो बिना किसी उपकरण की मदद से सुपर मून को देख सकते हैं। आइए, सुपरमून के बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या होता है सुपर मून ?
वैज्ञानिकों की मानें तो पूर्णिमा के दिन चांद अधिक चमकीला दिखाई देता है। इसकी तेज रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है। वहीं, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसके लिए वर्ष में पड़ने वाली अन्य पूर्णिमा के तुलना में चंद्रमा अधिक चमकीला दिखाई देता है। इस शुभ अवसर पर चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब होगा। इसके लिए बहुत बड़ा भी दिखेगा। इस खगोलीय घटना को ‘सुपर मून’ कहते हैं। आज पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी महज 3,57,364 किमी ही रहेगी। इसके लिए आकार में सबसे बड़ा दिखाई देगा। साथ ही अधिक चमकीला भी होगा। देश दुनिया में अलग-अलग समय पर हंटर मून को देखा जाएगा।
कब दिखेगा सुपर मून ?
जानकारों की मानें तो आश्विन पूर्णिमा यानी आज भारत में सुपर मून संध्याकाल में दिखाई देगा। सुपर मून भारतीय समयानुसार संध्याकाल 04 बजकर 56 मिनट पर दिखेगा। सुपर मून देखने का सही समय चंद्रोदय व चंद्रास्त होता है। 17 अक्टूबर के दिन पड़ने वाले फूल मून को हंटर मून भी कहा जाता है। हंटर मून को पूर्णतया देखने के लिए दूरबीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या होता है हंटर मून ?
हंटर मून सर्दी की शुरुआत के संकेत है। यह विश्व के कई देशों में प्रसिद्ध है। खासकर पश्चिमी देशों में बहुत लोकप्रिय है। हंटर मून ये संकेत होता है कि जल्द सर्दी शुरू होने वाली है। इसके लिए खाने-पीने और रहने की पूरी तैयारी कर लें। सर्दी के आगमन के संकेत के लिए सूपर मून को हंटर मून भी कहा जाता है। इस दिन से लोग सर्दी की तैयारी शुरू कर देते हैं।