रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को मिला एक नया राजा
बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को रविवार शाम हरियाणा में झाबुआ के जंगल से ट्रेंकुलाइज कर उसे रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट कर दिया गया है।
बता दें कि यह नर बाघ करीब तीन साल का युवा और काफी हष्ट-पुष्ट बाघ है। उम्मीद है कि आने वाले समय में रामगढ़ में यह बाघ कुनबा बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। पूर्व में रणथंभौर से खुद चलकर आया बाघ आरवीटी 1 मौजूद है। अब हरियाणा के झाबुआ से एक और बाघ आने से टाइगर रिजर्व में दो नर, एक मादा और दो मादा बाघिन हो गई है। शीघ्र ही मादा बाघिन भी शिफ्ट होने की संभावना है। शुरू में बाघ को शॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा।
एक साल से टेरिटरी के लिए भटक रहा था बाघ
सरिस्का टाइगर रिजर्व का बाघ टी 2305 एक साल से टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था। यह बाघ दो बार सरिस्का से बाहर निकल चुका था और वन विभाग के लिए इसकी मॉनिटरिंग चुनौती बनी हुई थी। कई बार इसे ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पहली बार रामगढ में ट्रेंकुलाइज कर लाया गया नर बाघ
राज्य के चौथे एवं तेजी से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे पहली बार एक नर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर शॉफ्ट एनक्लोजर में रिलीज किया गया। इससे पूर्व अब तक यहां नर बाघ खुद चलकर आते रहे हैं। इससे पहले यहां दो मादा बाघिन छोड़ी गई थी। नए बाघ को आरवीटी 4 के रूप में पहचाना जाएगा और उम्मीद है कि इसे जल्दी ही खुले जंगल मे छोड़ दिया जाएगा। एक बाघिन दूसरे राज्य से लाने की भी वन विभाग तैयारी कर रहा है।