प्रेग्नेंसी में लंबे समय तक मोबाइल चलाने से गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ सकता.. 

प्रेग्नेंसी का सफर बहुत ही उतार-चढ़ाव से भरा हुआ होता है। इन दिनों महिला को अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और सोने का पैटर्न आदि सब चीजों का ख्याल रखना होता है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी के सफर में महिलाओं को फोन से भी दूरी बनाए रखनी चाहिए। सवाल है क्या वाकई गर्भवती महिलाओं के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल हानिकारक है? वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता दे रही हैं विस्तार से जानकारी।

क्यों मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानिकारक है?

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्यांकि, इससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन निकलता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है। हालांकि, हर मोबाइल की मेनुफेक्चरिंग अलग-अलग होती है, जो उसमें से निकल रही रेज के हानिकारक प्रभाव को कम-ज्यादा कर सकती है। लेकिन, हर मोबाइल फोन से एक प्रकार की रेज निकलती हैं। अगर गर्भवती महिला लंबे समय तक इनके संपर्क में रहे, तो महिला की ब्रेन एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है, उसके सोने के पैटर्न में बदलाव हो सकता है। इस तरह की परेशानियां महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। इनमें, चक्कर आना, अच्छी और गहरी नींद न लेना शामिल है। आपको बता दें कि जब महिलाएं अच्छी और प्यारी नींद नहीं ले पाती हैं, तो इसका प्रभाव उनके खानपान और लाइफस्टाइल पर भी पड़ता है। इस तरह के नेगेटिव इफेक्ट गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर भी बुरा असर डालता है।

प्रेग्नेंसी में मोबाइल यूज करने का बच्चों पर प्रभाव

अगर गर्भवती महिला लंबे समय तक मोबाइल फोन पर समय बिताती है, तो इससे बच्च पर कई तरह से असर पड़ सकता है, जैसे-

  • विशेषज्ञों की मानें, जो महिलाएं गभार्वस्था में बहुत ज्यादा फोन देखती हैं, उनके बच्चे बचपन से ही काफी हाइपरएक्टिव हो सकते हैं और उनका व्यवहार भी अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा उत्तेजित हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाएं लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहती हैं, तो इससे उनके मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है। इससे वे थकान, एंग्जाइटी जैसी प्रॉब्लम से दो-चार हो सकती है। यही नहीं, रेडिएशन का असर उनकी याददाश्त भी पड़ सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान रेडियो वेव्स के संपर्क में रहने के कारण ह्यूमन बॉडी में मौजूद सेलुलर रिसेप्टर्स भी इफेक्ट होती है। रिसेप्टर्स वो होते हैं, जो सिग्नल प्राप्त करने का काम करते हैं। अगर ये रिसेप्टर्स इफेक्टेड होने लगे, तो इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, आपको बता दें कि इस संबंध में अभी पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं।

प्रेग्नेंट महिलाएं फोन से दूरी कैसे बनाएं

प्रेग्नेंसी के दौरान फोन से दूरी बनाना जरूरी है। लेकिन, यह भी सच है कि आज के मॉडर्न युग में इससे दूरी बनाना संभव नहीं है। फिर भी आप निम्न उपायों को आजमा सकते हैं-

  • जरूरी न हो, तो फोन पर वक्त न बिताएं।
  • फोन को हर समय अपने पास रखने के बजाय बैग के अंदर रखें।
  • टाइम पास करने के लिए मोबाइल फोन से बेहतर विकल्प खोजें।
  • रात के समय सोते वक्त सिरहाने पर मोबाइल फोन न रखें।
  • अगर स्क्रीन टाइम बिताना है, तो टीवी देख सकते हैं। टीवी एक निश्चित दूरी पर रहता है, जिससे आप पर इसका प्रभाव कम पड़ता है।
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