राजस्थान का एक भूतिया गांव…जहां के लोग रात के अंधेरे में हो गए थे गायब!

 महल, किले और रेत…यही सब याद आता है, जब राजस्थान की बात होती है. पर असल में राजस्थान में कई ऐतिहासिक और कमाल की कहानियां आपको सुनने के लिए मिल जाएंगी. यहां का एक गांव का तो ऐसा भी है, जो रातों-रात खाली हो गया था. यही कहानी आज आपके लिए लोकल18 लेकर आया है.

200 साल पहले खाली हुआ था पूरा गांव
कहानी है पश्चिम राजस्थान के जैसलमेर जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित कुलधरा गांव की. यह गांव अपनी रहस्यमयी कहानियों के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि 200 साल पहले एक रात यह पूरा गांव रात को खाली हो गया था.  कहा जाता है कि कुलधरा को किसी की बुरी नजर लग गई थी. यह नजर किसी भूत ने नहीं, बल्कि रियासत के दीवान सालम सिंह ने लगाई थी. दीवान सलाम सिंह की गंदी नजर गांव की एक खूबसूरत लड़की पर पड़ी. दीवान उस लड़की का इतना दीवाना था कि वो हर हाल में उसे पाना चाहता था.

भूतिया गांव से पहचान रखता है कुलधरा
कुलधरा का इतिहास प्राचीन है और इसे राजस्थान का ‘भूतिया गांव’ भी कहा जाता है. इस गांव के बारे में एक पुरानी कहानी बताती है कि 18वीं शताब्दी में रात्रि के अंधेरे में यहां के निवासी ने अपने घरों को छोड़ दिया था. इस रहस्यमयी घटना के पीछे कई कारण थे, जिनमें अन्य गांवों से हो रही जलसाजी और आर्थिक दबाव शामिल थे.

लड़की के सम्मान के लिए पूरा गांव हो गया था एक
दीवान और गांव वालों के बीच की यह लड़ाई अब एक कुंवारी लड़की के सम्मान के साथ-साथ गांव के स्वाभिमान की भी थी. गांव की चौपाल पर पालीवाल ब्राह्मणों की एक बैठक हुई और 5000 से अधिक परिवारों ने अपने सम्मान के लिए रियासत छोड़ने का फैसला किया. गांव के खाली हो जाने के बाद कुलधरा ने अपना पुराना चारित्र बदल लिया और उसे भूतिया गांव का दर्जा मिल गया.

ब्राह्मणों ने गांव खाली करते वक्त दिया था श्राप
कहा जाता है कि ब्राह्मण गांव खाली करते वक्त इस गांव को श्राप देकर गए थे. उन्होंने कहा था कि यह गांव कभी नहीं बस पाएगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही. वक्त के साथ कुलधरा के आसपास के गांव तो दोबारा बस गए. लेकिन कुलधरा दोबारा नहीं बस सका. कुलधरा का अद्वितीय पुनर्जीवन वास्तविकता और भारतीय संस्कृति के इतिहास के अहम हिस्से का प्रतीक है. आज लोग कहानियां सुनकर इस गांव को देखने के लिए आते हैं.

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