शांति और खूबसूरती से भरपूर कश्मीर की एक ऐसी जगह, जहां होता है असली जन्नत का एहसास
गर्मियों में घूमने के लिए भारत की कौन सी जगहें बेस्ट हैं इसकी लिस्ट बना रहे हैं, तो कश्मीर को इसमें शामिल करना न भूलें। वैसे तो आप कश्मीर जाने का प्लान साल में कभी भी बना सकते हैं, लेकिन जो नजारा आपको गर्मियों में देखने को मिलेगा वैसा शायद मानसून और सर्दियों में न मिले। यहां कई खूबसूरत गांव और हैं, जो आज भी भीड़भाड़ और शोरगुल से दूर हैं। अगर आप भी ऐसे ही किसी ऑफबीट ठिकाने को एक्सप्लोर करने की सोच रहे हैं, तो निकल जाएं कश्मीर में बसे दूधपथरी की ओर। दूधपथरी का मतलब होता है दूध की घाटी।
दूधपथरी के बारे में आज भी बहुत ही कम लोग जानते हैं। कह सकते हैं यही चीज इसे आज भी खूबसूरत बनाए रखे हुए है। यहां आकर क्या देखें, कब जाएं और कैसे पहुंचे। आइए जानते हैं विस्तार से इस बारे में।
दूधपथरी
दूधपथरी, कश्मीर का एक बेहद खूबसूरत और छोटा-सा हिल स्टेशन है। समुद्र तल से 2,730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित दूधपथरी में घरे-भरे घास के मैदान और बर्फ से ढ़के पहाड़ अलग ही दुनिया में होने का एहसास कराते हैं।
दूधपथरी इस जगह का नाम ये क्यों पड़ा, इसे लेकर कई कहानियां बताई जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि घास के किनारे बहने वाली नदी इतनी तेजी से नीचे की ओर गिरती है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे दूध गिर रहा हो। इसी के चलते इसका नाम दूधपथरी पड़ा।
दूसरी कहानी है कि एक बार संत शेख नूर दिन नूरानी ने यहां पर जमीन से पानी निकालने के लिए कई दिनों तक प्रार्थना की। उन्होंने फिर अपनी छड़ी से जमीन की खुदाई की, तो दूध की धार बहने लगी। उन्हें दूध से हाथ-पैर धोना सही नहीं लगा, तो उन्होंने दूध को पानी में बदल दिया। जिसके बाद से इसका नाम दूधपथरी हो गया।
दूधपथरी में देखने वाली जगहें
तांगर
दूधपथरी में घूमने की शुरुआत तांगर गांव से करें। जो एक छोटा लेकिन बहुत ही प्यारा सा गांव है। ये गांव चारों तरफ से पहाड़ों, चीड़ और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। कैंपिंग, ट्रेकिंग और फोटोग्राफी जैसी कई एक्टिविटीज आप यहां आकर एन्जॉय कर सकते हैं।
दिश्खाल
दिश्खाल दूधपथरी के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक है। जहां आप ट्रेकिंग करके पहुंच सकते हैं। दूर तक फैले घास के मैदान और बर्फ से ढके पहाड़ मिलकर ऐसा नजारा पेश करते हैं जैसे मानो आप विदेश की किसी जगह में घूम रहे हैं। नेचर लवर्स को तो ये जगह बिल्कुल भी मिस नहीं करनी चाहिए।
शालीगंगा नदी
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और उनसे होकर बहने वाली नदी…ये नजारा आप साक्षात दूधपथरी आकर देख सकते हैं। कुछ नहीं करना, बस यहां शांति से बैठकर आसपास की खूबसूरती को निहारना भी एक अलग ही तरह का आनंद है। शालीगंगा नदी दूधपथरी की ऐसी ही एक जगह है। घास के मैदान से लगभग 2 किमी का सफर तय करके आप यहां पहुंच सकते हैं। कभी न भूल पाने वाला नजारा यहां देखने को मिलेगा।
दूधपथरी घूमने का बेस्ट सीजन
दूधपथरी जाने के शानदार नजारों का दीदार करना है, तो मई से सितंबर तक कभी भी प्लान बना सकते हैं। इस मौसम में बहुत ठंड नहीं होती मतलब आप आरामदायक कपड़ों में घूमने का मजा ले सकते हैं। सर्दियों में बर्फबारी की वजह से घूमना मुश्किल हो सकता है।
दूधपथरी कैसे पहुंचे?
फ्लाइट से- अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं, तो दूधपथरी जाने के लिए आपको पहले श्रीनगर पहुंचना होगा। इसके बाद यहां शेयर्ड टैक्सी या गाड़ी मिल जाएगी दूधपथरी जाने के लिए।
टैक्सी से- श्रीनगर से आप डायरेक्ट दूधपथरी पहुंच सकते हैं। श्रीनगर बडगाम से होते हुए दूधपथरी तक पहुंचा जा सकता है। सिंगल से लेकर शेयर्ड हर तरह की टैक्सी ले सकते हैं।
बस से- श्रीनगर से दूधपथरी जाने के लिए सीधी कोई बस नहीं मिलती है। यहां तक पहुंचने के लिए लाल चौक से बडगाम तक के लिए बस लेनी पड़ती है। बडगाम से बस बदलकर खान साहिब पहुंचना होता है और फिर। वहां से दूधपथरी के लिए कैब मिलती है।