मौत के 12 घंटे बाद जिंदा हुई 3 साल की बच्ची, ताबूत के अंदर से चिल्लाने लगी मां-मां

जिंदगी और मौत पर किसी इंसान का बस नहीं. वो सिर्फ और सिर्फ भगवान के हाथ में है. लेकिन धरती पर डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया गया है. बड़ी से बड़ी मुश्किल हालात में ये डॉक्टर ही होते हैं, जो इंसान को मौत से खींचकर वापस ले आते हैं. लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है. उनसे कई बार अनजाने में गलतियां भी हो जाती हैं. तब पता चलता है कि वाकई में ऊपर वाले के अलावा हमारी जिंदगी की चाबी किसी और के पास नहीं है. ऐसी ही एक गलती मेक्सिको के रहने वाले डॉक्टर ने कर दी. आपको जानकर हैरानी होगी कि इलाज के लिए आई लड़की को इस डॉक्टर ने मरा हुआ घोषित कर दिया, लेकिन अंतिम संस्कार से ठीक पहले बच्ची जिंदा हो गई.

सोशल मीडिया पर ये मामला वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि मेक्सिको की रहने वाली 3 वर्षीय कैमिला रोक्साना पेट में इन्फेक्शन से परेशान थी. इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन डॉक्टर्स उसे ठीक नहीं कर पाए. बाद में उन्होंने देखा कि कैमिला की सांसें रुक गई हैं. ऐसे में उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया था. इससे कैमिला के मां-बाप की हालत खराब हो गई. वे बेहद दुखी थे. लेकिन मरने के बारह घंटे बाद अचानक चमत्कार हो गया. कैमिला की मां को ऐसा लगा कि ताबूत में बंद उसकी बच्ची उसे पुकार रही है. वो तुरंत ताबूत खोलने लगी, लेकिन लोग रोकने लगे. बाद में काफी प्रयास के बाद ताबूत खोला गया तो बात सच साबित हुई. बच्ची ताबूत में उठकर बैठ गई. ये मामला मेक्सिको के सैन लुइस पोटोसी में 17 अगस्त 2022 का है, लेकिन सोशल मीडिया पर ये कहानी वायरल हो रही है.

कैसे डॉक्टरों ने घोषित कर दिया मृत?
सवाल यह उठता है कि ताबूत में बैठी बच्ची जब जिंदा थी, तो डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित क्यों कर दिया? इस सवाल के जवाब में चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची को पेट के इन्फेक्शन के बाद सालिनास डी हिल्डाल्गो कम्युनिटी हॉस्पिटल (Salinas de Hildalgo Community Hospital) में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान उसके दिल की धड़कन रुक गई थी. सांस भी रुक गई थी. ऐसे में डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था. लेकिन बाद में बच्ची जिंदा हो गई. लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं.

मां को था यकीन, बच्ची जिंदा है…
मासूम बच्ची की मौत की खबर से मां-बाप टूट गए थे. लेकिन 3 साल की मासूम की मां को यकीन नहीं हो पा रहा था कि उसकी बच्ची मर गई. वो यह मानने को तैयार नहीं थी कि पेट में इन्फेक्शन के बाद हुए बुखार के कारण बच्ची की मौत सकती है. वो बार-बार चिल्ला रही थी कि उसकी बेटी मरी नहीं है. लेकिन परिवार के लोग और डॉक्टर्स इसे सदमा समझने लगे. बच्ची की बॉडी को भी उसकी मां से दूर रखा गया था. अगले दिन भी जब अंतिम संस्कार से ठीक पहले कैमिलिया की मां कहने लगी कि उसकी बच्ची ताबूत में हिल रही है, तो लोगों को भरोसा नहीं हुआ. आखिरकार बच्ची अंदर से रोने लगी और अपनी मां को आवाज देने लगी. लोग चौंक गए और तुंरत ताबूत खोला तो देखा कि बच्ची जिंदा है. वो उठकर ताबूत में बैठ गई.

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