पारसियों की संख्या घटी, दंपतियों से कम से कम 2 बच्चे पैदा करने की अपील

मुंबई. देश में जहां एक ओर बढ़ती आबादी परेशानी का सबब बनी हुई है वहीं, पारसी समुदाय की स्थिति बिल्कुल उलट है। लगातार घटती जनसंख्या को देखते हुए पारसी समुदाय युवाओं को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित और जागरुक कर रहा है। जियो पारसी नाम की इस मुहिम की दूसरी कड़ी शुरू की गई है, जिसमें दंपतियों से कम से कम दो बच्चे पैदा करने की अपील की जा रही है।

– भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा सितंबर 2013 में जारी रिपोर्ट बताती है कि पारसियों की जनन क्षमता एक से भी कम हो गई है। यानी बड़ी संख्या में ऐसे दंपति हैं जो एक भी बच्चे नहीं पैदा कर रहे हैं।
-सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 1941 में देश में 114000 पारसी थे जो साल 2001 की जनगणना तक घटकर 69001 रह गए। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि नौ परिवारों में केवल एक में ही 10 साल से कम उम्र का बच्चा था।
– इसके अलावा करीब 30 फीसदी पारसियों ने कभी शादी नहीं की और 31 फीसदी पारसियों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी।
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– इसके अलावा देर से शादी करना भी समुदाय की घटती आबादी की वजह बताई गई। इसी के बाद जियो पारसी मुहिम की शुरुआत हुई और पारसी समुदाय के युवाओं को शादी के लिए प्रेरित किया जाने लगा।
– इसकी दूसरी कड़ी में अब दंपतियों को कम से कम दो बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
– युवाओं को बताया जा रहा है कि दो बच्चे पैदा होने से उनका परिवार बेहतर होगा। बच्चों के साथ भाई-बहन होंगे तो वे सहयोग करना और देखभाल करना सीखेंगे।
– इसके अलावा आज के तनाव भरे जीवन में एक दूसरे के दुख-सुख के साथी बनेंगे।
मदद भी दी जाएगी
– पारजोर फाउंडेशन की अगुआई में चल रही इस मुहिम में बांबे पारसी पंचायत, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस), फाउंडेशन ऑफ जोराष्ट्रियन अंजुमन्स ऑफ इंडिया भी साथ दे रहे हैं।
– पारजोर फाउंडेशन की अगुआई में चल रही इस मुहिम में बांबे पारसी पंचायत, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टिस), फाउंडेशन ऑफ जोराष्ट्रियन अंजुमन्स ऑफ इंडिया भी साथ दे रहे हैं।
– शनिवार को शुरू हुए जियो पारसी के दूसरे चरण की शुरुआत केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के हाथों हुई।
– इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त बेहद परेशान था जब लोकसभा में मुझे पारसियों की घटती आबादी पर जवाब देना था।
– मंत्रालय इस मुहिम को सफल बनाने के लिए हर तरह से सहयोग देने को तैयार है। इस मुहिम के तहत बच्चा पैदा करने में परेशानी का सामना करने वाले दंपतियों को चिकित्सकीय मदद भी दी जाएगी।