हाल ही में जेल से छूटा था ये बदमाश, मरने तक दोस्त मारता रहा गोलियां

हिसार (हरियाणा). जेल से कुछ दिन पहले बाहर आए 40 साल के प्रदीप जमावड़ी की उसके ही घर के बाहर अर्बन एस्टेट में हत्या कर दी गई। जमावड़ी के करीबी के साथी ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर वारदात को अंजाम दिया। गोलियों की आवाज सुनकर बचाव में आई उसकी मां सावित्री और गांव के ही सहयोगी चंद्रजीत उर्फ चिंटू भी गोलियां लगने से घायल हो गए।आगे पढ़ें क्या है हत्या की वजह…

– वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए। प्रदीप जमावड़ी की हत्या के पीछे प्रदीप उर्फ काला के साथ किसी ठेके को लेकर मतभेद बताया जा रहा है। इसको लेकर काला के आने की बात सामने आ रही है।
– हालांकि पुलिस भी इसकी पुष्टि कर रही है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है दोनों एक दूसरे के काफी करीब थे। प्रदीप जेल में बंद था। कुछ दिन पहले ही वो बाहर आया था।
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– शनिवार देर रात करीब साढ़े दस बजे बड़ाला के रहने वाले प्रदीप उर्फ काला उनके घर पहुंचा। काला और प्रदीप जमावड़ी ने घर में बैठकर बातचीत की।
– यहां प्रदीप जमावड़ी के गांव का ही दोस्त चंद्रजीत भी घर पर था। रात को ही काला ने कहा कि उसे घर छोड़ आओ। इसके बाद जमावड़ी घर से बाहर निकला और बाहर पार्क किनारे खड़ी अपनी बुलेट बाइक को स्टार्ट करने लगा। इसी बीच पार्क की ओर से दो बदमाशों ने बाइक स्टार्ट कर रहे प्रदीप जमावड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। प्रदीप को सिर और पीठ पर गोली मारीं।
– हमला होने के बाद चंद्रजीत रिवॉल्वर निकालने के लिए घर की ओर भागा तो बदमाशों ने उसे भी गोली मार दी।
– फायरिंग की आवाज सुनकर जब प्रदीप जमावड़ी की मां सावित्री बाहर आई तो बदमाशों ने उसके सीने में भी गोली दाग दी। जब चंद्रजीत रिवॉल्वर लेकर बाहर आया तब तक बदमाश मौके से फरार हो गए।
– घायल चंद्रजीत, सावित्री और प्रदीप को प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया। यहां प्रदीप की मौत हो गई। चंद्रजीत और सावित्री की हालत गंभीर बताई जा रही है।
शराबबंदी के दौरान अपराध की दुनिया में रखा था कदम, ठेके की बात पर साथी से बिगड़ी
– शराबबंदी के धंधे से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले प्रदीप जमावड़ी का खौफ हांसी के व्यापारियों में आज भी बना हुआ है।
– 1996 में मुख्यमंत्री बंसीलाल ने जब शराबबंदी की तो प्रदीप जमावड़ी ने अवैध तौर पर शराब बेचना शुरू कर दिया था। इसके बाद तो वह अपराध की दलदल में फंसता चला गया और आतंक का पर्याय बन गया।
– अपराध के विस्तार में जमावड़ी के सर्कल का भी विस्तार होता गया। हांसी और हिसार में इसका एक पूरा नेटवर्क तैयार हो गया।
– पुलिस के अनुसार हत्या की वारदात को अंजाम देने में जमावड़ी के उसी दाएं हाथ कहे जाने वाले काला की रही जो बहुत सी वारदातों में उसके साथ रहा।