कभी देश-प्रदेश की शान थी यह फैक्ट्री, अब टुकड़ों में होगी नीलाम!


– जानकार बताते हैं कि इस फैक्ट्री में बनछटी व अन्य खराब होने जाने मैटीरियल से बेहतरीन प्लाई बनाई जाती थी, यानि कौड़ियों से करोड़ों का कारोबार पर शायद वक्त को शहर की यह रोनक पसंद नहीं आई और वर्ष 2000 के आते-आते ये खुशहाली विरानी में बदल गई।
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– फर्म अन्दरूनी कलह के चलते घाटे में जाती रही और आज चमचमाते दरवाजों पर जंग लग गया है। खरपतवार उग आया है। धुआं उगलती चिमनियां जंग खाकर गिर पड़ी हैं। दरवाजों पर ताले लटके हैं।
– इसके साथ इन उन सब की लाखों-करोड़ों की देनदारी भी बकाया है, जो इस फर्म से जुड़े थे। मजदूर नेता व पूर्व वर्कर वजीर नांगला बताते हैं कि दो-ढाई करोड़ के लगभग तो वर्कर का ही बकाया है। इसके आलावा अलग-अलग विभाग व फर्म का भी लाखों का बकाया है जिसको लेकर लगभग सभी कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे है। जिसमें राहत देते हुए माननीय न्यालय ने एक फर्म की रिकवरी के लिए नीलामी के आदेश दिए हैं।
– दुखद पहलू ये भी है कि यहां काम करने वाले मजदूर आंदोलन कर-करके हार गए कुछ तो न्याय की बाट देखते-देखते दुनिया ही छोड़कर चले गए। बावजूद इसके अब भी उनकी लड़ाई बाकी है और वो कोर्ट की तरफ टकटकी लगाए अपनी मेहनत का मोल मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
– तहसीलदार अधिकारी नवदीप नैन ने बताया कि इसकी नीलामी के लिए न्यायालय से आदेश प्राप्त हुए हैं। एक फर्म जिसका 66 लाख रुपया न्यूकम के पास था। इसकी संबंध में हमें 8 अगस्त तक रिपोर्ट देनी है। फिर आगे कार्रवाई उसी के आधार पर होगी।