चेन्नई. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तमिलनाडु में एक नॉलेज सेंटर का इनॉगरेशन किया। यह सेंटर कलाम के समाधि स्थल पर बना है। इस पर 15 करोड़ रुपए का खर्च आया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कलाम का यह स्मारक बनाया, उन भाई-बहन मजदूरों के लिए मेरा नमन। इन मजदूरों से इतना उत्तम काम किया है कि मैं यहां मौजूद सभी लोगों से ये अपील करता हूं कि उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दें। और क्या कहा मोदी ने…
मोदी ने कहा- “मैं आज अनुभव कर रहा हूं कि आज इस मंच पर अम्मा होती और जानती कि हमारे गरीब मजदूरों ने काम किया है, उनकी गैरहाजिरी को आज मैं महसूस कर रहा हूं। आज अम्मा जहां भी होंगी, तमिलनाडु के साथ उनकी शुभकामनाएं होंगी। मैं आज रामेश्वर की इस पवित्र धरती से लोगों से ये प्रार्थना करना चाहता हूं कि वे जब भी रामेश्वरम आएं कलाम जी के इस नॉलेज सेंटर को जरूर देखें।”
कलाम 2020 साइंस व्हील को हरी झंडी दिखाई
– इस मौके पर तमिलनाडु के गवर्नर सी. विद्यासागर राव, सीएम के पलानीसामी और एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार वेंकैया नायडू भी मौजूद रहे। मोदी यहां ‘कलाम 2020 साइंस व्हीकल’ को हरी झंडी भी दिखाई।
– साइंस व्हीकल कई राज्यों से होता हुआ 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन, दिल्ली पहुंचेगा। इसके जरिए साइंस और मिसाइल के क्षेत्र में कलाम के रोल को बताया जाएगा।
– बता दें कि नॉलेज सेंटर में कलाम का वैक्स स्टैच्यू लगाया गया है, जो जयपुर के वैक्स म्यूजियम में तैयार हुई है। स्टैच्यू बनाने में 3 महीने का वक्त लगा। पिछले साल वेंकैया नायडू कलाम के समाधि स्थल आए थे। तब उन्होंने पेइकराम्बू में कांसे से बनी कलाम की प्रतिमा का इनॉगरेशन किया था।
शिलॉन्ग में हुआ था निधन
– 27 जुलाई, 2015 को मेघालय के शिलॉन्ग में कलाम का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था। उस वक्त वो आईआईएम में लेक्चर दे रहे थे।
– 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम में जन्मे कलाम को मिसाइलमैन के नाम से भी जाना जाता है। वो 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति भी रहे।
– कलाम को 1997 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। उन्होंने 1998 में पोखरण में हुए परमाणु टेस्ट में अहम भूमिका निभाई थी।