पटना.2015 के विधानसभा चुनाव की दो धुरी थी। महागठबंधन और राजग। दोनों ने जनता के सामने वादे किये (घोषणा-पत्र) और वोट मांगे। दोनों पक्षों के वादों पर गौर करें तो आधे से अधिक मिलते-जुलते हैं। भाजपा के घोषणा-पत्र में सबसे लोक लुभावन वादा 10 वीं और 12वीं के 5000 छात्रों को मेधा के आधार पर स्कूटी व लैपटॉप तथा गरीबों को धोती-साड़ी देने का था। वादे किसानों से भी खूब किये गये थे। कल तक विपक्ष में बैठी भाजपा अब सरकार में शामिल है।
सवाल है कि क्या भाजपा, सरकार की प्राथमिकताओं में अपने एजेंडे शामिल करा पायेगी। दिक्कत तो राजद व कांग्रेस के सामने भी है। नीतियों कार्यक्रमों के बूते वह नीतीश कुमार का विरोध नहीं कर सकते। कारण साफ है- सात निश्चय ही महागठबंधन का घोषणा-पत्र था जिस पर उनकी भी सहमति थी। दोनों दलों ने अलग से कोई घोषणा-पत्र जारी नहीं किया था। लिहाजा राजद-कांग्रेस को नये मुद्दे तलाशने होंगे या फिर सात निश्चय के कार्यक्रमों की पुख्ता निगरानी के बूते अपनी बात कहनी होगी।
ये था भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र
इन वादों को लागू करने की चुनौती होगी
– मेक इन बिहार, डिजिटल बिहार।
– नए प्रखंड, अनुमंडल, जिले समेत प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन
– प्रत्येक साल 10वीं और 12वीं के 5,000 मेधावी छात्राओं को स्कूटी तथा छात्र-छात्राओं को लैपटॉप
– दलित और महादलित परिवारों को रंगीन टीवी दिया जाएगा।
– उच्च शिक्षा के साथ प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
– गरीबों को हर साल धोती और साड़ी दिया जाएगा।
किसानों से किये गए वादे
– हर साल कृषि के लिए अलग बजट होगा।
– समय पर लोन चुकता करने वाले किसानों को ब्याज रहित कृषि लोन मिलेगा।
– कृषि के लिए अलग फीडर ,12 घंटे बिजली, घरों 24 घंटे बिजली दी जाएगी।
– एक साल में हर गांव में बिजली पहुंचा दी जाएगी।
– किसानों को आकर्षित करने के लिए उन्हें ब्याज दर मुक्त कृषि ऋण दिया जाएगा।
– पानी-बिजली की समस्या दूर करते हुए बीज और उर्वरकों की उपलब्धता सरल बनाई जाएगी।
(इनमें से अधिकांश कृषि रोड मैप का हिस्सा। नया रोड मैप बन रहा)
सात निश्चय से मिलती जुलती घोषणाएं
– सूबे में एक-एक नया कृषि व वेटनरी कॉलेज खोला जाएगा।
– हर गांव बारहमासी पक्की सड़क से जुड़ेंगे।
– युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने की व्यवस्था होगी।
– शौचालय एवं बिजलीयुक्त पक्का मकान दिया जाएगा।
– 2022 तक सभी गृहविहीनों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा।
महागठबंधन ने किया था सात निश्चय
– आर्थिक हल युवाओं पर बल
– घर-घर तक पक्की गली-नालियां
– अवसर बढ़ें, आगे पढ़ें
– शौचालय का निर्माण, घर का सम्मान
– हर घर बिजली लगातार
– हर घर नल का जल
– आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार
पुराने पर नहीं पड़ेगा असर
7 निश्चय, मानव विकास सूचकांक के मामले में निचले पायदान पर खड़े बिहार को उठाने की कोशिश है। मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाना, आवाम को हुनरमंद बनाना, कुल मिलाकर आत्मनिर्भर बनाना, बेहतर जीवनशैली प्रदान करना इन कार्यक्रमों का मकसद है। पिछला चुनाव इन्हीं घोषणाओं के बूते लड़ा गया था।
हम साझा कार्यक्रम बनाएंगे
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया कि चुनाव के समय तैयार किया गया हमारा घोषणापत्र हमारा अपना एजेंडा था। सरकार बनने पर यह हमारी कार्ययोजना होती। अब नयी सरकार बनने के बाद हम साझा कार्यक्रम बनाएंगे और उसी के अनुसार काम करेंगे। ऐसे विकास के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं। ऐसे में हम मिलकर भविष्य के लिए विकास के कार्यक्रम तय करेंगे। हन पहले सरकार के रुप में साथ काम कर चुके हैं। उस समय भी हमारा न्यूनतम साझा कार्यक्रम था और उसपर बेहतर ढंग से काम हुआ।