झड़ते और पतले बाल दे रहे हैं ये गंभीर चेतावनी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती?

अगर आपके बाल तेजी से झड़ने लगे हैं या पतले हो रहे हैं, तो इसे केवल एक नॉर्मल हेयर प्रॉब्लम मानकर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। बालों की सेहत शरीर की इंटरनल कंडीशन को दर्शाती है।

जब शरीर में किसी आवश्यक पोषक तत्व की कमी होती है या कोई बीमारी अंदरूनी रूप से विकसित हो रही होती है, तो इसके शुरुआती लक्षण बालों के झड़ने या कमजोर होने के रूप में नजर आने लगते हैं। यहां बताए गए कुछ अहम कारणों और संकेतों से समझिए कि बालों का गिरना वास्तव में शरीर की कौन-सी चेतावनी हो सकती है

पोषक तत्वों की कमी
बालों को हेल्दी और मजबूत बनाए रखने के लिए आयरन, विटामिन बी 12, बायोटिन, जिंक, ओमेगा-3 और प्रोटीन की जरूरत होती है। इनकी कमी से बाल पतले, बेजान और कमजोर होकर झड़ने लगते हैं। खासकर शाकाहारी लोगों में बी12 और आयरन की कमी आम होती है।

थायरॉइड की गड़बड़ी
हाइपो या हाइपरथायरॉइडिज्म बालों की जड़ों को कमजोर बना सकता है। यदि बाल झड़ने के साथ वजन बढ़ना, थकान, ठंड लगना या स्किन ड्रायनेस जैसे लक्षण भी हों, तो थायरॉइड की जांच करवाना जरूरी है।

हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं में पीसीओएस (PCOS), मेनोपॉज या गर्भावस्था के बाद हार्मोनल बदलाव के कारण हेयर लॉस बढ़ सकता है। ये बदलाव बालों की ग्रोथ साइकिल को बाधित करते हैं।

बहुत अधिक स्ट्रेस और नींद की कमी
लंबे समय तक स्ट्रेस में रहना या नींद पूरी न होना कोर्टिसोल जैसे हार्मोन को असंतुलित करता है, जिससे बाल समय से पहले झड़ने लगते हैं। यह “टेलोजेन एफ्लुवियम” नामक स्थिति पैदा कर सकता है।

डाइटिंग और वेट लॉस करने की गलत आदतें
अगर आप क्रैश डाइट कर रहे हैं या अचानक वजन कम कर रहे हैं, तो शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिलता, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। हेल्दी वेट लॉस के लिए संतुलित आहार जरूरी है।

स्कैल्प इंफेक्शन या डैंड्रफ
स्कैल्प पर फंगल इंफेक्शन, एलर्जी या डैंड्रफ बालों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं। यदि खुजली, जलन या लालिमा हो रही है, तो स्कैल्प ट्रीटमेंट जरूरी है।

अनुवांशिक या मेडिकल कंडीशन
कभी-कभी बालों का झड़ना अनुवांशिक होता है या यह डायबिटीज, ल्यूपस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेकर सही जांच कराना जरूरी है।

अगर बाल झड़ रहे हैं, तो इसे सिर्फ हेयर फॉल समझने की बजाय अपने शरीर की चेतावनी के रूप में लें। सही खानपान, लाइफस्टाइल और मेडिकल चेकअप से इस समस्या को समय रहते रोका जा सकता है।

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