राजस्थान में 8.29 लाख से अधिक मतदाता SIR में अनमैप

राजस्थान में SIR अभियान के दौरान 8.29 लाख से अधिक मतदाता अनमैप पाए गए। इन्हें पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे। इसके लिए निर्वाचन विभाग इन्हें नोटिस जारी करेगा।
राजस्थान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान राज्य के 8.29 लाख से अधिक मतदाताओं को वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मैप नहीं किया जा सका है। ऐसे मतदाताओं को अब अपनी पात्रता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से साझा किए गए आंकड़ों में सामने आई है।
SIR स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश मतदाताओं को माता-पिता या दादा-दादी के रिकॉर्ड के आधार पर 2002 की मतदाता सूची से सफलतापूर्वक जोड़ा गया, लेकिन सभी 41 जिलों में कुछ मतदाता अब भी अनमैप रह गए हैं। अनमैप मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक जयपुर में 1,90,022 है। इसके बाद जोधपुर में 56,763, बीकानेर में 41,088, झुंझुनूं में 32,568, उदयपुर में 27,621 और अजमेर में 25,003 मतदाता अनमैप पाए गए। इसके अलावा सीकर (29,122), गंगानगर (30,058), हनुमानगढ़ (26,509), पाली (22,784), जालोर (20,392), सिरोही (21,663), भीलवाड़ा (19,373), धौलपुर (19,022) और खैरथल-तिजारा (18,892) में भी बड़ी संख्या में मतदाता अनमैप हैं। वहीं सलूम्बर जैसे छोटे जिले में केवल 633, फलौदी में 2,538 और प्रतापगढ़ में 3,143 अनमैप मतदाता दर्ज किए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने कहा कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में अब तक 98.5 प्रतिशत सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मतदाता सूची के 98.5 फीसदी मतदाताओं को 2002 की SIR सूची से जोड़ दिया गया है, क्योंकि उनके माता-पिता या दादा-दादी का रिकॉर्ड पूर्व सत्यापन में उपलब्ध था। महाजन ने बताया कि शेष करीब 8.2 लाख मतदाताओं को अब नोटिस जारी किए जाएंगे। इन मतदाताओं को जन्म प्रमाण पत्र, कक्षा 10 या 12 की अंकतालिका, या स्थायी पते का प्रमाण जैसे दस्तावेज जमा कर भारत के मतदाता के रूप में अपनी पात्रता सिद्ध करनी होगी।
उन्होंने बताया कि बिहार में SIR की घोषणा के तुरंत बाद राजस्थान में भी मैपिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। आधिकारिक अभ्यास से पहले दो महीनों में ही कुल 5.48 करोड़ मतदाताओं में से 70.55 प्रतिशत (3.87 करोड़) को 2002 की सूची से मैप कर लिया गया था, जिससे अंतिम आंकड़ा 98.5 प्रतिशत तक पहुंच सका। इस अभियान के दौरान राज्य की 199 विधानसभा सीटों में कुल 41,84,819 नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
इनमें 8,75,398 मतदाता मृत पाए गए, 24,80,417 स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके थे, 4,57,502 घर-घर सर्वे में अनुपस्थित मिले, 3,44,089 नाम दोहराव वाले थे और 27,485 नाम अन्य कारणों से हटाए गए। हालांकि ये आंकड़े 199 विधानसभा क्षेत्रों के हैं। शेष एक विधानसभा क्षेत्र अंता में घर-घर सर्वेक्षण 2 दिसंबर से शुरू हुआ, क्योंकि वहां उपचुनाव 11 नवंबर को संपन्न हुआ था।





