विकास के कई मानकों पर हरियाणा ने पंजाब को छोड़ा पीछे

1 नवम्बर 1966 को अस्तित्व में आए हरियाणा ने पिछले एक दशक में विकास और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए पंजाब को कई मामलों में पीछे छोड़ दिया है। जहां पंजाब लगातार वित्तीय संकट और आंदोलनों की खबरों में रहता है, वहीं हरियाणा नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में स्थिर विकास की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहरी विकास को गति देने के लिए 1700 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यह राशि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, हिसार और पंचकूला विकास प्राधिकरणों को दी गई है। इससे सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज और अन्य मूलभूत सुविधाएं विश्वस्तरीय बनेंगी। बजट 2025-26 में बाहरी विकास कार्यों के लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां सभी 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर की जा रही है। अगस्त-सितम्बर की भारी बारिश से हुए फसल नुकसान पर 53,821 किसानों को 116.15 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया। बीते 11 फसल सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में 1.54 लाख करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए।

लाडो लक्ष्मी योजना को पहले ही वर्ष में लागू कर हरियाणा ने देश में उदाहरण प्रस्तुत किया है। दीनदयाल लाडो लक्ष्मी ऐप के माध्यम से अब तक 5 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत | 15,256 गरीब परिवारों को प्लॉट आवंटित किए गए हैं।

सौर ऊर्जा और पर्यावरण पर फोकस: सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और गोदामों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं। राज्य पर्यावरण योजना 2025-26 शुरू की गई है। ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 13 प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। पीएम सूर्यघर योजना से हर घर तक सस्ती और स्वच्छ बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है।

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