1945 के बाद पहली बार सीरिया पहुंची सुरक्षा परिषद की टीम, राजनीतिक बदलाव-शांति बहाली पर चर्चा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों का प्रतिनिधिमंडल 1945 के बाद पहली बार सीरिया पहुंचा, जिससे युद्धग्रस्त देश में राजनीतिक स्थिरता और शांति बहाली की उम्मीदें एक बार फिर मजबूत हुई हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 1945 में परिषद की स्थापना के बाद पहली बार सीरिया पहुंचा। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन को एक वर्ष पूरा होने वाला है और देश नई अंतरिम सरकार के तहत वैश्विक समुदाय में फिर से शामिल होने की प्रक्रिया में है। नए अंतरिम राष्ट्रपति और पूर्व इस्लामिक विद्रोही कमांडर अहमद अल-शरा के नेतृत्व में सीरिया वर्तमान में राजनीतिक संक्रमण के सबसे महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहा है।
विश्वास बहाली के लिए दौरा- UNSC अध्यक्ष बोले
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष और स्लोवेनिया के स्थायी प्रतिनिधि सैमुअल जबोगार ने दमिश्क में पत्रकारों से बातचीत में कहा हम यहां विश्वास बहाल करने आए हैं और उम्मीद है कि आज एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति अल-शरा, विदेश मंत्री असद अल-शिबानी सहित मंत्रिपरिषद से मुलाकात की। इसके अलावा टीम ने स्थानीय UN स्टाफ, नागरिक समाज संगठनों, धार्मिक नेताओं और इस वर्ष तटीय क्षेत्र व स्वैदा प्रांत में हुए सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित समुदायों से भी बातचीत की।
न्याय, सुलह और राष्ट्रीय संवाद मुख्य एजेंडा
जबोगार ने बताया कि सीरिया की मौजूदा स्थिति और भविष्य की दिशा को ध्यान में रखते हुए बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। इसमें सबसे पहले न्याय और सुलह की प्रक्रिया पर जोर दिया गया, ताकि लंबे समय से जारी संघर्षों के घाव भर सकें और समाज में आपसी विश्वास बहाल हो सके। इसके साथ ही राजनीतिक समावेशन और राष्ट्रीय संवाद को मजबूत बनाने की जरूरत पर भी सहमति बनी, जिससे देश के सभी वर्गों को नए राजनीतिक ढांचे में बराबरी की भूमिका मिल सके।
बैठक में आर्थिक स्थिरता और विकास योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई, क्योंकि युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सीरिया के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर सहयोग बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने पर भी बात हुई कि सीरिया किसी भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा न बने। जबोगार ने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरिया की संप्रभुता, एकता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का पूर्ण समर्थन करता है और यह दौरा उसी भरोसे को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।





