राजस्थान : हाईकोर्ट से पूर्व विधायक शोभारानी को बड़ी राहत

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने पूर्व विधायक शोभारानी कुशवाह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रही पूरी आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है। यह राहत उस धोखाधड़ी मामले में मिली है, जिसमें भरतपुर ट्रायल कोर्ट ने उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में संज्ञान लिया था। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने विस्तृत सुनवाई के बाद भरतपुर ट्रायल कोर्ट (18 अक्टूबर 2022) एवं सेशन कोर्ट (12 मई 2023) के आदेशों को अपास्त करते हुए कार्यवाही समाप्त करने के निर्देश दिए।

क्या था मामला?
भरतपुर की अदालत ने शोभारानी के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक न्यासभंग) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत संज्ञान लिया था। शोभारानी ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

कोर्ट ने क्यों रद्द की कार्यवाही?
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता माधव मित्र और अधिवक्ता जया मित्र ने दलील दी कि संज्ञान लेने के लिए आवश्यक वैधानिक आधार मौजूद नहीं थे। उपलब्ध सामग्री से उनके खिलाफ कोई प्राथमिक अपराध सिद्ध नहीं होता। वह कंपनी के प्रबंधन या बोर्ड में शामिल नहीं थीं, केवल शेयरधारक थीं। मात्र शेयरधारक होने पर कोई दायित्वपूर्ण आपराधिक जिम्मेदारी नहीं बनती। जांच में भी उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला और चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई। शिकायतकर्ताओं और कंपनी के बीच वित्तीय विवाद पूरी तरह सिविल प्रकृति का है। पक्षकारों के बीच समझौता भी हो चुका है। अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले ज्ञान सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब (2012) का हवाला देते हुए कहा कि व्यावसायिक या निजी वित्तीय विवादों में समझौते की स्थिति में आपराधिक कार्यवाही रद्द की जा सकती है। कोर्ट ने माना कि इस मामले में आपराधिक कार्यवाही को जारी रखना न्यायोचित नहीं होगा, क्योंकि मामले की प्रकृति सिविल थी और उपलब्ध साक्ष्यों से अभियोग नहीं बनता। इसके साथ ही शोभारानी कुशवाह के खिलाफ चल रही सभी आपराधिक कार्यवाही समाप्त हो गई।

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