मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन इस विधि से करें पूजा

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को एक पवित्र और पुण्यदायी तिथि के रूप में देखा जाता है। ऐसे में आप मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 2 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि के समापन की बात की जाए, तो इसका समापन 5 दिसंबर को प्रातः 4 बजकर 43 मिनट पर होगा। पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय कुछ इस प्रकार रहेगा –
पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय – शाम 4 बजकर 35 मिनट पर
पूर्णिमा व्रत पूजा विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करें। अगर ऐसा करने संभव नहीं है, तो आप घर पर ही सामान्य जल में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इससे भी शुभ परिणाम मिलते हैं। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। अब पूजा स्थल की साफ-सफाई कर उस स्थान पर एक चौकी बिछाकर उसपर लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
पूजा के दौरान धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें। विष्णु जी को पंचामृत, केले और पंजीरी का भोग लगाएं। शाम के समय पूजा में अपने समक्ष पानी का एक कलश रखें। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आप इस दिन पर किसी पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा भी करवा सकते हैं, जिसमें आसपास के लोगों को भी शामिल करें। पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बांटे और अपने सामर्थ्य के अनुसार, दान-दक्षिणा दें।
कृपा प्राप्ति के मंत्र
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन आपको देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के इन मंत्रों के जप से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय”
“ऊं नमो नारायणाय”
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।





