यूपी में शीतलहर का असर, आने वाले दिनों में और गिर सकता है न्यूनतम पारा

दिसंबर आते ही मौसम में सर्दी का असर दिखने लगा है। बीते दो दिनों से चल रही पछुआ हवाओं का असर मौसम पर पड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार सर्दी का असर ज्यादा पड़ने के आसार हैं। इस साल दिसंबर से लेकर फरवरी के बीच रातें तो सर्द होंगी ही, दिन का तापमान भी सामान्य से कम रहेगा। साथ ही इस बार शीतलहर के दिनों की संख्या में दो से पांच दिनों का इजाफा होगा। सोमवार को आंचलिक माैसम विज्ञान विभाग ने इसकी जानकारी दी। आपकाे बता दें कि यूपी में सामान्य ताैर पर सर्दी के सीजन में शीतलहर के दिनों की संख्या चार से छह होती है।

सोमवार को पछुआ हवाओं के जोर से पश्चिमी यूपी के कई शहरों में रात का पारा सामान्य से तीन से चार डिग्री तक की गिरावट आ गई। 5.2 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ मेरठ सबसे ठंडा रहा। वहीं बरेली में 6.6 डिग्री और कानपुर शहर में 7.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ।

माैसम विभाग के मुताबिक ला-नीना की कमजोर होती स्थिति और हिंद महासागर के तटस्थ प्रभाव के कारण दिसंबर से फरवरी के बीच औसत तापमान सामान्य से कम रह सकता है। इससे पूर्वांचल के दक्षिणी हिस्से को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में शीतलहर के दिनों में दो से पांच दिन का इजाफा होने की संभावना है। नवंबर में न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 2 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 1 से 3 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया।

इस सीजन पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
राजधानी में इस सीजन में ज्यादा ठंड पड़ने का पूर्वानुमान है। कमजोर ला-नीना और तटस्थ हिंद महासागरीय प्रभाव को इसकी वजह बताई जा रही है। आंचलिक माैसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस बार शीतलहर का प्रकोप बढ़ेगा। इस सीजन में शीतलहर के दिनों में दो से पांच दिन का इजाफा होने के आसार हैं।

राजधानी में पछुआ के जोर से दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शनिवार से सोमवार के बीच, दो दिनों में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। सोमवार को दिन भर 25 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ चली। इससे दोपहर बाद से ही हवा में गलन महसूस हुई और रात तक अच्छी खासी ठंड महसूस की गई। सोमवार को दिन का तापमान 1 डिग्री की गिरावट के साथ 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं रात का पारा 2.2 डिग्री की गिरावट के साथ 10.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।

पूरे भारत में होगी इस बार कड़क सर्दी

भारत में आने वाली सर्दियां पिछली बार की तुलना में ज्यादा कड़क महसूस होंगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच उत्तर, मध्य और प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की पूरी संभावना है। कई राज्यों में शीतलहर के दिनों की संख्या बढ़ने का भी अनुमान है जो बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगामी सर्दियों में उत्तर भारत, केंद्रीय भारत और प्रायद्वीपीय भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम या सामान्य के आसपास रहने के आसार हैं। इसके विपरीत, पूर्वोत्तर भारत और हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक दर्ज हो सकता है।

पूर्वानुमान रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत में शीतलहर के दिनों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा हो सकती है। इसका असर सबसे अधिक बुजुर्गों, बच्चों, हृदय, फेफड़े और जोड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोगों पर पड़ेगा। इसके साथ ही घना कोहरा रेलवे, हवाई सेवा और सड़क परिवहन को प्रभावित कर सकता है। मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में दिसंबर के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहेगा। अधिकतम तापमान अधिकतर जगह सामान्य से अधिक रहेगा, हालांकि कुछ इलाकों में उलटी प्रवृत्ति (सामान्य से कम) भी संभव है।

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