UAE में ‘पाकिस्तानी भिखारियों’ की दुकान बंद, वीजा देना किया बंद

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करना बंद कर दिया है, क्योंकि यूएई सरकार को चिंता है कि कुछ लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। सामान्य पासपोर्ट वाले लोगों को वीजा जारी नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि एक बार प्रतिबंध लगने के बाद इसे हटाना मुश्किल हो जाता है। यूएई सरकार को शिकायतें मिलीं कि पाकिस्तानी नागरिक वर्क वीजा की बजाय विजिट वीजा पर भीख मांगते हैं।

UAE ने पाकिस्तान के आम नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, यूएई सरकार को चिंता है कि कुछ लोग वहां जाकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। इस वजह से अब सामान्य पासपोर्ट वाले लोगों को वीजा जारी नहीं किया जा रहा।

पाकिस्तान के अतिरिक्त गृह सचिव सलमान चौधरी ने यह जानकारी सीनेट की मानवाधिकार समिति की बैठक में दी। उन्होंने कहा कि एक बार यह प्रतिबंध लग जाए तो इसे हटाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह बात उन्होंने पाक अखबार डॉन की रिपोर्ट के आधार पर कही।

कुछ ही लोगों को मिल पा रहा है वीजा

सीनेट समिति की चेयरपर्सन सांसद समिना मुमताज जहरी ने भी कहा कि अब सिर्फ कुछ ही लोगों को बहुत मुश्किल से वीजा मिल पा रहा है। ओवरसीज रोजगार प्रमोटर ऐसाम बैग ने कहा कि यूएई सरकार को शिकायत मिल रही थी कि पाकिस्तानी नागरिक वर्क वीजा नहीं, बल्कि विजिट वीजा पर आकर वहां भीख मांगने लगते हैं। इसी वजह से यूएई ने वीजा देने की प्रक्रिया रोक दी है।

फिलहाल यूएई केवल ब्लू पासपोर्ट और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट वालों को ही वीजा दे रहा है। इससे पहले भी यूएई ने वीजा आवेदन के लिए पुलिस का चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य किया था। गल्फ देश, खासकर दुबई और अबू धाबी, लाखों पाकिस्तानी नागरिकों की पसंदीदा जगहें रही हैं। हर साल 8 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी गल्फ देशों के वीजा के लिए आवेदन करते हैं।

लेकिन दिसंबर 2024 में यूएई, सऊदी अरब और कई अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के 30 से ज्यादा शहरों के लोगों पर अनिश्चितकालीन वीजा रोक लगा दी थी। इसकी वजह कई मामलों में भीख मांगना, तस्करी, मानव तस्करी और अन्य अपराध बताए गए थे।

दुबई और सऊदी अरब कर रहे सख्ती

पाकिस्तानी पॉडकास्टर नदीर अली ने भी कहा था कि दुबई और सऊदी अब वीजा देने में बहुत सख्ती कर रहे हैं, और उन्हें खुद भी IIFA अवॉर्ड्स में शामिल होने के लिए वीजा लेने में कठिनाई आई। यूएई पाकिस्तान का बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वहां बड़ी संख्या में पाकिस्तानी काम करते हैं, ऐसे में यह वीजा रोक पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

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