मद्य निषेध अभियान में सारण के लाल की बड़ी उपलब्धि

सारण जिले के पानापुर प्रखंड के कोंध भगवानपुर गांव के रहने वाले और वर्तमान में गया जिले के वजीरगंज अनुमंडल में एसडीपीओ के पद पर कार्यरत सुनील कुमार पांडेय को मद्य निषेध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिष्ठित मद्य निषेध पदक से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें नशामुक्ति दिवस के अवसर पर पटना में आयोजित समारोह में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने प्रदान किया।
वजीरगंज में चलाए बड़े अभियान, कई गिरोहों का भंडाफोड़
एसडीपीओ सुनील कुमार पांडेय ने वजीरगंज और आसपास के इलाकों में अवैध शराब के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए। उन्होंने कई बड़े गिरोहों का खुलासा किया और अवैध गतिविधियों पर कड़ी रोक लगाई। उनके प्रयासों से न सिर्फ पुलिस विभाग की प्रतिष्ठा बढ़ी, बल्कि समाज में भी सकारात्मक संदेश गया।
इसी समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए राज्य स्तर पर उन्हें इस सम्मान के लिए चुना गया।
पटना के अधिवेशन भवन में सम्मान समारोह
नशामुक्ति दिवस पर पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में बिहार पुलिस के उन अधिकारियों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने मद्य निषेध कानूनों के सख्ती से पालन, अवैध शराब रोकथाम और जन-जागरूकता अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस समारोह में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से चयनित पुलिस पदाधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
चार एसडीपीओ, दो इंस्पेक्टर, दो दारोगा और एक सिपाही सम्मानित
मद्यनिषेध एवं राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो, बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक अमित कुमार जैन द्वारा जारी सूची के अनुसार सम्मानित अधिकारियों में शामिल हैं—
सिवान: एसडीपीओ सदर-2 गौरी कुमारी, एएलटीएफ प्रभारी अमरजीत कुमार
वैशाली: लालगंज एसडीपीओ गोपाल मंडल, एएलटीएफ प्रभारी नंद कुमार सिंह
सारण: सोनपुर एसडीपीओ प्रीतिश कुमार
गया: वजीरगंज एसडीपीओ सुनील कुमार पांडेय
मुजफ्फरपुर: अहियापुर थानाध्यक्ष रोहन कुमार
मधुबनी: जयनगर थानाध्यक्ष अमित कुमार
जहानाबाद: सिपाही चंदन कुमार
सेवाभाव, ईमानदारी और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम
एसडीपीओ सुनील कुमार पांडेय अपनी कर्तव्यनिष्ठा, पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। अपराध नियंत्रण, सामाजिक समरसता बढ़ाने और सरकारी नीतियों को सही तरीके से लागू करने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। मद्य निषेध अभियान में उनके काम को मिली राज्य सरकार की यह सराहना उनके समर्पण और मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाती है। यह सम्मान न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।





