ओपीडी में हर पेशेंट मुझसे पूछता है- ‘4 सवाल’, डॉक्टर ने किया Skincare की झूठी बातों का पर्दाफाश

हम में से कई लोग अपनी त्वचा को बेहतर बनाने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन इंटरनेट, सोशल मीडिया और सुनी-सुनाई बातों के चक्कर में ऐसे कई Skincare Myths पर यकीन कर लेते हैं जो हमारी त्वचा के लिए बिल्कुल सही नहीं होते। डर्मेटोलॉजिस्ट रिद्धिमा अरोड़ा के अनुसार, उनकी ओपीडी में रोज ऐसे ही कई सवाल पूछे जाते हैं, जिनका सच जानना बेहद जरूरी है।

हम में से हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन हमेशा ग्लोइंग और हेल्दी दिखे, लेकिन स्किनकेयर की दुनिया इतनी बड़ी और उलझी हुई है कि असल जानकारी और मिथकों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। जी हां, सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग टिप्स, दोस्तों की सलाह और इंटरनेट के अनगिनत “घरेलू नुस्खे”- इन सबके बीच अक्सर हम अपनी स्किन को लेकर ऐसे-ऐसे यकीन कर लेते हैं, जिन्हें सुनकर कोई भी स्किन स्पेशलिस्ट माथा पकड़ ले।

दिलचस्प बात यह है कि डॉक्टर्स की ओपीडी में रोजाना कुछ एक जैसे सवाल बार-बार पूछे जाते हैं- रेटिनॉल से स्किन पतली हो जाएगी? ऑयली स्किन पर मॉइश्चराइजर क्यों और क्या पोर सच में बंद हो सकते हैं?

बता दें, इन कॉमन स्किनकेयर मिथ्स के पीछे का सच जानना बेहद जरूरी है, ताकि आपकी स्किन को सही देखभाल मिल सके। चलिए, अब एक-एक कर इन झूठी धारणाओं का सच डर्मेटोलॉजिस्ट रिद्धिमा अरोड़ा से आसान भाषा में समझते हैं।

“रेटिनॉल त्वचा को पतला कर देता है”

बहुत लोग मानते हैं कि रेटिनॉल लगाने से स्किन पतली हो जाती है, लेकिन डॉ. रिद्धिमा के मुताबिक- सच इसके बिलकुल उलट है। रेटिनॉल वास्तव में त्वचा की अंदरूनी लेयर को और मजबूत बनाता है, क्योंकि यह कोलेजन बनने की प्रक्रिया को बढ़ाता है। नतीजे में त्वचा समय के साथ और टाइट, स्मूथ और हेल्दी दिखती है।

“मेरी स्किन ऑयली है, मुझे मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं”

यह सबसे आम गलतफहमी है। ऑयली स्किन का मतलब यह नहीं कि त्वचा को हाइड्रेशन की जरूरत नहीं है। डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, ऑयली स्किन वालों को भी एक लाइट, जेल-बेस्ड और ऑयल-फ्री मॉइश्चराइजर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। सही मॉइश्चराइजर त्वचा का प्राकृतिक बैलेंस बनाए रखता है और एक्स्ट्रा ऑयल कंट्रोल में भी मदद करता है।

“7 दिनों से क्रीम लगा रहा हूं, फिर भी कोई रिजल्ट नहीं”

डॉ. रिद्धिमा अरोड़ा का कहना है कि स्किनकेयर कोई जादू नहीं करता। किसी भी अच्छे स्किनकेयर प्रोडक्ट को असर दिखाने में समय लगता है। आम तौर पर 8 से 12 हफ्तों तक लगातार उपयोग के बाद ही त्वचा में स्पष्ट बदलाव दिखते हैं। इसलिए धैर्य और नियमितता- दोनो जरूरी हैं।

“मुझे सिर्फ नेचुरल चीजें चाहिए, केमिकल नहीं”

यह भी एक बड़ा भ्रम है। ध्यान रखें- हर चीज, चाहे वह प्राकृतिक हो या प्रयोगशाला में बनी हो, किसी न किसी रूप में ‘केमिकल’ ही होती है। सवाल यह नहीं कि कुछ नेचुरल है या केमिकल, बल्कि यह कि वह सुरक्षित है या नहीं। सही तरह से टेस्ट किए हुए और सुरक्षित स्किनकेयर प्रोडक्ट आपकी त्वचा के लिए ज्यादा भरोसेमंद होते हैं।

“पोर्स को हमेशा के लिए बंद कैसे करें?”

बहुत लोग सोचते हैं कि पोर्स को परमानेंट तरीके से बंद किया जा सकता है, जबकि यह बिल्कुल गलत है। डॉ. का कहना है कि पोर्स कोई दरवाजे नहीं हैं जिन्हें खोला या बंद किया जा सके। हां, सही स्किनकेयर- जैसे एक्सफोलिएशन, क्लीनिंग और उपयुक्त प्रोडक्ट्स से उनके आकार को कम दिखाया जा सकता है, जिससे त्वचा और स्मूथ नजर आती है।

स्किनकेयर में सबसे जरूरी है सही जानकारी और अपनी त्वचा की जरूरतों को समझना। मिथ्स पर भरोसा करने से बेहतर है कि विशेषज्ञों की सलाह पर चलें और धैर्य के साथ नियमित स्किनकेयर अपनाएं। याद रखें कि परफेक्ट स्किन एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन सही कदमों से जरूर मिल सकती है।

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