बिहार में क्यों चुनाव हार गया महागठबंधन

पिछले हफ्ते कांग्रेस ने बिहार में 43 नेताओं को नोटिस थमाया है। उनपर बिहार चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाया है। अब उनसे इस संबंध में जवाब मांगा गया है। हालांकि, जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, उन सभी का कहना है कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया।

अब बागी बताए जा रहे इन नेताओं ने बिहार के कांग्रेस लीडरशिप पर मनमाने ढंग से काम करने और पार्टी प्रोसीजर को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। नोटिस का जवाब भेजने से पहले इन नेताओं ने आपस में बातचीत की है।

ऐसे मामलों में सेंट्रल लीडरशिप की मंजूरी जरूरी- बागी नेता
बिहार का कामकाज देखने वाले कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए बागियों ने कहा कि उन्हें बिना डिसिप्लिनरी जांच और नेशनल लीडरशिप से मंजूरी के नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने कहा- नियमों के मुताबिक, ऐसे मामलों में सेंट्रल लीडरशिप की मंजूरी जरूरी है।

बागियों ने बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राजेश ने चुनाव के दौरान एकतरफा फैसले लेकर पार्टी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस प्रमुख ने जिला और ब्लॉक लेवल पर वर्कर्स की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया।

वर्कर्स के बीच बातचीत की रही कमी
बागियों ने कहा- वर्कर्स के बीच बातचीत की कमी ने जमीनी स्तर पर पार्टी का स्ट्रक्चर कमजोर किया है, जिसका असर असेंबली चुनावों में दिखा। उन्होंने दावा किया- राज्य के नेता आरएसएस-भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान नेताओं ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई चुनाव में हार के बाद पार्टी को और नुकसान पहुंचाएगी। उन्होंने कहा- केंद्रीय नेतृत्व को पार्टी के अंदर के मुद्दों को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।

बागी नेताओं के तेवर नरम नहीं हुए
वहीं, नाम न बताने की शर्त पर एक नेता ने कहा- सेंट्रल लीडरशिप को डिसिप्लिनरी कमिटी की सिफारिश के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा- पार्टी कुछ नियमों के तहत काम करती है और इस मामले में भी उनका पालन किया जाएगा।

कार्रवाई के बाद भी बागी नेताओं के तेवर नरम नहीं हुए हैं। उन्होंने सख्त अंदाज में साफ कह दिया कि अगर उनकी आवाज को और दबाया गया तो वे अगली मीटिंग में आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा- हमने संगठन के हित में मुद्दे उठाए हैं।

उधर, कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने इस संबंध में कहा कि बागियों से सवाल-जवाब का काम पार्टी की डिसिप्लिनरी कमिटी देख रही है। उन्होंने कहा- कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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