तुम और मैं मिलकर बनते हैं ‘हम’, रिश्ते में धुंधली पड़ रही है खुद की पहचान

रिश्ते हमारे जीवन की नींव होते हैं और जब दो लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं, तो ‘मैं’ से ‘हम’ का सफर शुरू होता है। यह सफर बहुत खूबसूरत होता है, लेकिन कभी-कभी इस ‘हम’ में कहीं हमारी अपनी पहचान धुंधली पड़ जाती है। हम साथी की जरूरतों को पूरा करते-करते खुद की इच्छाओं और सपनों को भूल जाते हैं।
किसी भी रिश्ते में तालमेल बिठाना जरूरी है, पर इसका मतलब यह नहीं कि आप खुद को पूरी तरह मिटा दें। अगर आपको यह महसूस होने लगा है कि आपकी पसंद, नापसंद और राय अब रिश्ते में कोई मायने नहीं रखती या आप हर बार अपने साथी की खुशी के लिए अपनी खुशी को अनदेखा कर रहे हैं, तो यह अपनी पहचान खोने का संकेत है। इस स्थिति में, अपनी व्यक्तिगत अहमियत को फिर से कायम करना जरूरी हो जाता है।
अपनी अहमियत बढ़ाने के लिए उठाएं ये 5 कदम
खुद के लिए ‘समय’ तय करें
सबसे पहले, अपने लिए रोजाना कुछ समय निकालना शुरू करें। इस समय में आप वो करें जो आपको सच्ची खुशी देता है—जैसे किताबें पढ़ना, अपना कोई शौक पूरा करना, या बस शांत बैठकर सोचना। जब आप खुद को समय देते हैं, तो आप मानसिक रूप से तरोताज़ा होते हैं और यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
अपनी राय व्यक्त करें, न कि सिर्फ सहमति दें
रिश्ते में अपनी बात को स्पष्ट और विनम्र ढंग से रखना सीखें। हमेशा सिर्फ इसलिए ‘हां’ न कहें क्योंकि आप झगड़े से बचना चाहते हैं। अपनी राय जरूर दें। अगर आपका साथी आपकी राय को महत्व देता है, तो यह आपकी अहमियत को बढ़ाएगा। अगर नहीं, तो यह बातचीत शुरू करने का एक मौका है।
‘न’ कहना सीखें
जब आप हर मांग पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, तो आपकी उपलब्धता को मामूली समझा जाने लगता है। उन चीजों के लिए ‘न’ कहना शुरू करें जो आपके सिद्धांतों या आराम को भंग करती हैं। जब आप ‘न’ कहने की हिम्मत दिखाते हैं, तो दूसरे आपकी सीमाओं का सम्मान करना सीखते हैं।
अपनी रुचियों और लक्ष्यों पर दें ध्यान
सिर्फ अपने रिश्ते को ही अपनी दुनिया न बनाएं। अपने करियर, फिटनेस या व्यक्तिगत लक्ष्यों पर ध्यान दें। जब आप अपने जीवन में सफल होते हैं और खुद को बेहतर बनाते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। एक आत्मविश्वासी और स्वतंत्र व्यक्ति की अहमियत रिश्ते में अपने-आप बढ़ जाती है।
दोस्तों और परिवार से जुड़े रहें
रिश्ते में आने के बाद कई लोग अपने पुराने दोस्त और परिवार से दूरी बना लेते हैं। इस गलती से बचें। इन रिश्तों को पोषित करते रहें। जब आपका सामाजिक दायरा बड़ा और मजबूत होता है, तो यह आपके साथी को यह दिखाता है कि आपका जीवन सिर्फ ‘हम’ तक सीमित नहीं है।
याद रखें कि एक हेल्दी रिश्ता तभी बनता है जब ‘तुम’ और ‘मैं’ दोनों खुश और संतुष्ट हों। अपनी पहचान खोकर किसी भी रिश्ते को बचाया नहीं जा सकता। अपनी अहमियत को पहचानें और आत्मविश्वास के साथ जिएं।





