मेनोपॉज के दौरान मानसिक समस्या से जूझती हैं करोड़ों महिलाएं

दुनियाभर में मेनोपॉज को अब तक केवल प्रजनन क्षमता से जुड़े स्वाभाविक जैविक चरण के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन ताजा वैज्ञानिक शोध यह संकेत देता है कि यह परिवर्तन सिर्फ हार्मोनल उतार-चढ़ाव तक सीमित नहीं है, बल्कि दिमाग की संरचना, न्यूरोलॉजी और संज्ञानात्मक क्षमता पर भी गहरा असर डालता है।

नेशनल जियोग्राफिक ने अपने विश्लेषण में बताया है कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के मस्तिष्क में होने वाले बदलाव स्मरणशक्ति, निर्णय क्षमता, भावनात्मक संतुलन और मानसिक स्पष्टता को सीधे प्रभावित करते हैं। दुनिया भर की करोड़ों महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के विशेषज्ञों के बीच इस विषय पर बढ़ती रुचि को देखते हुए मेनोपॉज के दौरान दिमाग के ढांचे और कार्यप्रणाली में आने वाले परिवर्तनों का गहन अध्ययन किया गया।

निष्कर्षों से पता चलता है कि मासिक धर्म के समाप्त होने के साथ मस्तिष्क के कई हिस्सों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और ब्रेन वॉल्यूम में संकुचन देखा गया। यही कारण है कि मेनोपॉज में प्रवेश करने वाली कई महिलाएं भूलने की आदत, मानसिक धुंध (ब्रेन फॉग) और एकाग्रता में कमी जैसे लक्षण महसूस करती हैं। यहां तक कि उनका आत्मविश्वास भी पूरी तरह डोल जाता है और वह खुद को कमजोर समझने लगती हैं।

जागरूक महिलाएं कुछ वर्षों में कर लेती हैं परिवर्तन

शोध यह भी संकेत देता है कि दिमाग धीरे-धीरे इस परिवर्तन को अपनाने की क्षमता विकसित कर लेता है और जागरूक महिलाएं कुछ वर्षों में संज्ञानात्मक स्थिरता पुनः प्राप्त कर लेती हैं। 54 फीसदी महिलाओं में भावनात्मक अस्थिरताइस अध्ययन का नेतृत्व तंत्रिका-विज्ञान और महिला स्वास्थ्य की विशेषज्ञ डॉ. लिसा मॉस्कोनी ने किया। परिणामों में स्पष्ट रूप से देखा गया कि मेनोपॉज की शुरुआत के साथ दिमाग पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव सामने आए। मस्तिष्क में ऊर्जा उत्पादन 10-15% तक कम हुआ। स्मृति और तर्क क्षमता संभालने वाले हिस्सों में 1-2% संकुचन दर्ज किया गया। दिमाग में रक्त प्रवाह 12-14% तक घटा। 62% महिलाओं ने ब्रेन फाग और भूलने की समस्या की शिकायत की। 54% महिलाओं में मूड स्विंग और भावनात्मक अस्थिरता देखी गई।

दिमागी सेहत के लिए एक निर्णायक मोड़

रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिक शोध से यह साबित होता है कि मेनोपॉज महिला जीवन का केवल जैविक अध्याय नहीं, बल्कि दिमागी स्वास्थ्य के लिए भी एक निर्णायक मोड़ है। आने वाले वर्षों में यह शोध न केवल उपचार प्रणालियों और मानसिक स्वास्थ्य नीतियों को दिशा देगा, बल्कि समाज में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर दृष्टिकोण बदलने में सहायक होगा। जागरूकता, वैज्ञानिक समझ और समय पर चिकित्सकीय देखभाल के साथ मेनोपॉज जीवन की एक स्थिर और स्वस्थ अवस्था 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button