लहंगा और घाघरा में क्या फर्क है ? खरीदने से पहले जान लें

अक्सर महिलाएं इस बात में कंफ्यूज रहती हैं कि क्या लहंगा और घाघरा एक ही है। यहां इस लेख में हम आपका ये डाउट दूर करेंगे।
Difference Between Lehenga and Ghaghra: शादी, त्योहार और पारंपरिक अवसरों पर महिलाएं अक्सर लहंगा पहनती हैं। लेकिन कई बार उनके लिए ये समझना मुश्किल हो जाता है कि क्या जिस आउटफिट को वो लहंगा समझकर लाई हैं, वो वाकई लहंगा है या फिर घाघरा है। जी हां, लहंगा और घाघरा में काफी अंतर होते हैं, लेकिन कई लोग इन्हें एक ही समझकर इस्तेमाल करते हैं।
आपको बता दें कि लहंगा और घाघरा दोनों ही भारतीय पारंपरिक परिधानों का हिस्सा हैं और महिलाओं की शान बढ़ाते हैं। लेकिन इन दोनों में ही काफी अंतर पाए जाते हैं। तो अगर आप भी शादी, फेस्टिवल या किसी इवेंट के लिए परफेक्ट आउटफिट चुनना चाहती हैं, तो पहले ये जानना जरूरी है कि कौन सा विकल्प आपके लिए सही रहेगा। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि लहंगा और घाघरा कैसे अलग हैं और कौन सा अवसर के लिए उपयुक्त है।
पहला अंतर
लहंगा और घाघरा में सबसे बड़ा अंतर उसके कट और फिटिंग का होता है। लहंगा आमतौर पर कमर से फिट और हल्का फ्लेयर वाला होता है, जबकि घाघरा ज्यादा वॉल्यूम और फ्लेयर के साथ लंबा होता है। घाघरा में काफी सारी कलियों का इस्तेमाल होता है।
दूसरा अंतर
लहंगा और घाघरा में दूसरा अंतर उसके डिजाइन और फैब्रिक का है। जैसे कि लहंगा को सिल्क, कॉटन या जॉर्जेट फैब्रिक में बनाया जाता है, जबकि घाघरा अक्सर भारी कॉटन के फैब्रिक में तैयार होता है। इसको खूबसूरत सी पारंपरिक डिजाइन के साथ तैयार किया जाता है।

तीसरा अंतर
लहंगा और घाघरा को स्टाइल करने का तरीका एकदम अलग होता है। जहां एक तरफ लहंगे का लुक मॉडर्न और स्टाइलिश होता है, जबकि घाघरा का लुक ट्रेडिशनल और सांस्कृतिक होता है। घाघरा को अक्सर महिलाएं पूजा-पाठ में पहनना पसंद करती हैं।
चौथा अंतर
दोनों के साथ पहनी जाने वाली ब्लाउज और चोली भी काफी अलग होती हैं। जैसे कि लहंगे के साथ अब महिलाएं कोर्सेट ब्लाउज से लेकर ऑफशोल्डर ब्लाउज तक कैरी कर लेती हैं, जबकि घाघरे के साथ हमेशा पारंपरिक चोली ही कैरी की जाती है।





