इंदौर में भिक्षावृत्ति पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, कई भिक्षुक पकड़े, सुधरने के लिए उज्जैन भेजा

इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाने के लिए कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को बड़ी कार्रवाई की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने एमवाय अस्पताल और भाजपा कार्यालय के सामने से कई भिक्षुकों को रेस्क्यू किया।
शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देशों के तहत शनिवार को एक बड़ा अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में न केवल भिक्षा लेने वालों, बल्कि भिक्षा देने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने शहर के प्रमुख स्थानों पर यह कार्रवाई की।
MY अस्पताल और भाजपा कार्यालय के पास एक्शन
अभियान के तहत, महिला एवं बाल विकास अधिकारी और उनकी टीम ने सबसे पहले एमवाय अस्पताल के सामने डेरा जमाए भिक्षुकों पर कार्रवाई की। यहां फुटपाथ और बस स्टॉप पर किए गए कब्जों को भी खाली करवाया गया। इसके बाद टीम ने भाजपा कार्यालय के सामने स्थित गार्डन और दुकानों के पास कई दिनों से रह रहे भिक्षुकों को भी रेस्क्यू किया।
रेस्क्यू कर रैन बसेरा भेजा
सभी रेस्क्यू किए गए भिक्षुकों को तत्काल पल्सीकर कॉलोनी स्थित रैन बसेरा में शिफ्ट किया गया। इस दौरान एमवाय अस्पताल में मरीजों के साथ आए परिजनों, जो बाहर रुके थे, उनके लिए वर्ल्ड कप चौराहा स्थित रैन बसेरा में रुकने का इंतजाम किया गया।
उज्जैन ‘सेवा धाम’ में होगा पुनर्वास
भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के नोडल अधिकारी दिनेश मिश्रा ने जानकारी दी कि इन सभी भिक्षुकों को 15 दिनों के लिए उज्जैन स्थित शेल्टर हाउस ‘सेवा धाम’ भेजा जाएगा। वहां उनका रिहैबिलिटेशन (पुनर्वास) किया जाएगा, जिसमें उनकी काउंसलिंग और हरसंभव सहायता शामिल है।
मंदिर-मस्जिदों पर भी लगातार निगरानी
इससे पहले नगर निगम चौराहा से एमजी थाने तक भी नगर निगम, पुलिस और महिला बाल विकास की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की थी। अधिकारियों के अनुसार, शहर के सभी प्रमुख मंदिर, मस्जिद, चौराहों आदि पर लगातार निगरानी के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो इस अभियान को जारी रखेंगी।





