बिहार: नहाय-खाय के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का शुभारंभ

पटना में जिला प्रशासन की ओर से छठ महापर्व को लेकर सारी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। दानापुर से पटना सिटी तक 109 छठ घाट बनाए गए हैं। छह छठ घाटों को खतरनाक घोषित किया है। इन घाटों पर छठ करने वाली महिलाओं, श्रद्धालुओं के साथ आम लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

लोक आस्था का सबसे महान पर्व छठ आज से नहाए खाए के साथ प्रारंभ हो गया। छठ महापर्व में श्रद्धालु उनकी आराधना करते हैं और विशेष तौर पर सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नहाय खाय से होती है। पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और उगते सूर्य सप्तमी को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होता है। इस चार दिवसीय त्योहार में सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करना बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस व्रत को कठोर नियमों के अनुसार 36 घंटे तक रखा जाता है। छठ मैया की भक्ति में समर्पण, पवित्रता और अनुशासन का विशेष महत्व है। पटना समेत बिहार के सभी जिलों में छठ को लेकर सारी तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी है।

छठ का इतना महत्व क्यों है?
ज्योतिष-कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार, यह लोक आस्था का महापर्व है। मतलब, यह बिहार और पूर्वांचल के लोगों की आस्था का प्रतीक है। आस्था पर न तो सवाल किया जा सकता है और न ही इसका कोई जवाब हो सकता है। जहां तक महत्व का सवाल है तो यह प्रकृति को चलाने वाले सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। यह देवी कात्यायनी से आशीर्वाद मांगने का पर्व है। छठ दिखाता है कि जिसका अंत है, उसका उदय भी होगा।

दानापुर से पटना सिटी तक 109 घाट तैयार
छठ घाट पर जिला प्रशासन की ओर से सारी तैयारी पहले ही पूरी कर ली गई है। पटना में दानापुर से पटना सिटी तक 109 छठ घाट तैयार किए गए हैं। राजधानी के 109 गंगा घाटों, 63 तालाबों और 45 पार्कों में महापर्व हो रहा है। इनमें मुख्य रूप से कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रु घाट, दीघा घाट, जेपी सेतु घाट, दीघा पाटलिपुल घाट, मीनार घाट और गाय घाट पर काफी भीड़ उमड़ने वाली है। पटना में दानापुर से दीदारगंज तक 30 किमी हिस्से में गंगा घाटों पर 25 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य देंगे। इसकी तैयारी जिला प्रशासन ने पूरी कर ली है। घाटों पर महिला व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम, सुरक्षा को लेकर वाच टावर, शौचालय, पीने के पानी, मेडिकल कैंप, भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह माइक, नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की गई है। पार्किंग से गंगा घाटों की दूरी 200 से 500 मीटर है।पटना के जिलाधिकारी त्याग राजन और वरीय आरक्षी अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा लगातार छठ घाटों पर भ्रमण करके सभी स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि पटना में छठ घाट पर सुरक्षा की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी जगह पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर ली गई है। महिला, पुरुष पुलिस बल के साथ-साथ गस्ती पार्टी, पैदल लाठी पार्टी और पेट्रोलिंग गाड़ी को भी लगातार पेट्रोलिंग का निर्देश दिया गया है। कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। सभी घाटों पर वॉच टावर भी लगाए गए हैं। सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जा रही है। लोगों से अपील है कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। किसी भी समस्या के लिए पुलिस से संपर्क करें।

जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं एवं छठव्रतियों के लिए पटना के शहरी क्षेत्रों में नदी घाटों पर उपलब्ध करवाई गईं सुविधाएं…
अस्थायी शौचालयों- 552
अस्थायी यूरिनल- 450
नलों- 185
पानी का टैंकर- 50
चापाकल- 37
सबमर्सिबल मोटर एवं PVC टैंक- 20
अस्थायी चेंजिंग रूम- 400
यात्री शेड-13
नियंत्रण कक्ष-112
सहायक नियंत्रण कक्ष- 13
वाच टावर- 171

550 घाटों पर छठव्रतियों द्वारा छठ किया जाता है
पटना जिला में गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के लगभग 550 घाटों पर छठव्रतियों द्वारा छठ किया जाता है। इसके अलावा पार्क एवं तालाबों में भी छठ किया जाता है। इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र में गंगा किनारे के लगभग 102 घाट तथा करीब 45 पार्क एवं 63 तालाब शामिल है। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-प्रबंधन के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार तेज़ी से सभी जगह तैयारी चल रही है। यह अंतिम चरण में है। आपदा प्रबंधन की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किसी भी तरह की आपदा की आकस्मिकता से निपटने हेतु एनडीआरएफ की 09 टीम (277 सदस्य), एसडीआरएफ की 09 टीम (36 सदस्य), 444 गोताखोर, 323 नाव/नाविक तथा सिविल डिफेंस के 149 वोलंटियर्स तैनात रहेंगे। रिवर पेट्रोलिंग भी किया जाएगा। नावों का परिचालन प्रतिबंधित है। अवैध परिचालन के विरूद्ध सख़्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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