कांग्रेस में बगावत, प्रभारी पर फूटा नेताओं का गुस्सा…धरने का एलान

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में भितरघात खुलकर सामने आ गया है। टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में घमासान मच गया है। नाराज नेताओं ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं ने पटना के सदाकत आश्रम स्थित प्रदेश मुख्यालय में बृहस्पतिवार को धरना-प्रदर्शन और उपवास करने का एलान किया है।
पटना में बुधवार को कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद यह फैसला किया गया। बैठक में शामिल आनंद माधव ने कहा कि वर्तमान नेतृत्व पार्टी को कमजोर कर रहा है। उन्होंने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया। बिहार चुनाव में जब सत्तारूढ़ गठबंधन एकजुटता का दावा कर रहा है, ऐसे में कांग्रेस की यह अंदरूनी कलह उसके लिए बड़ा झटका है। पहले सीट बंटवारे में देरी और अब टिकट को लेकर खुला विरोध, पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है। पार्टी में पुराने बनाम नए चेहरों का टकराव साफ दिख रहा है। अल्लावरु राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। उनसे तेजस्वी भी नाराज बताए जाते हैं। यही कारण है कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजद-कांग्रेस के रिश्तों में आई दूरी को कम करने का जिम्मा बिहार विधानसभा चुनाव पर्यवेक्षक अशोक गहलोत को सौंपा है। आलाकमान के निर्देश पर गहलोत बुधवार को पटना पहुंचे।
गहलोत ने लालू व तेजस्वी से की मुलाकात
महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को पटना में लालू प्रसाद और तेजस्वी से मुलाकात की और उम्मीद जताई कि बृहस्पतिवार तक सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे। गहलोत हवाईअड्डे से सीधे राबड़ी देवी के आवास पहुंचे, जहां उन्होंने लालू से करीब एक घंटे तक बातचीत की। बाद में पत्रकारों से उन्होंने कहा, महागठबंधन एकजुट है। बिहार में 243 सीटें हैं, जिनमें कुछ पर स्थानीय मुद्दों की वजह से दोस्ताना मुकाबला हो सकता है।
पूर्व विधायक बोले-113 वोट से हारे थे, फिर भी टिकट नहीं दिया
शेखपुरा के बरबीघा से पूर्व विधायक गजानंद शाही ने कहा कि 2020 में वे महज 113 वोटों से हारे थे, इसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने योग्य और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है। शाही ने कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी से मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए अल्लावरु को तत्काल हटाने की अपील की है। गजानंद शाही, आनंद माधव समेत कई नेताओं ने पिछले सप्ताह भी बैठक कर प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम पर केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह करने का आरोप लगाया था। तब सभी नेताओं ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा था।