गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल की नियुक्तियों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के अस्पताल प्रबंधक, सहायक प्रबंधक व डिप्टी रजिस्ट्रार की नियुक्तियां निरस्त कर दी गई थीं। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त, मेडिकल कॉलेज के डीन व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि भोपाल निवासी मनोहर सिंह ने पूर्व में एक याचिका दायर की थी। याचिका में नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। मामले पर सुनवाई के बाद एकलपीठ ने सभी नियुक्तियां निरस्त कर तत्कालीन डीन पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। एकलपीठ ने दोबारा मेरिट लिस्ट बनाकर नए सिरे से साक्षात्कार करने और नियुक्तियां करने के निर्देश दिए थे। इसी तारतम्य में कॉलेज प्रबंधन ने 24 अक्टूबर को साक्षात्कार आयोजित किया है।
जवाब पेश करने के निर्देश दिए
एकलपीठ के आदेश के खिलाफ विदिशा निवासी रवींद्र कुशवाहा और महेंद्र सोनी व अन्य ने अपील प्रस्तुत की थी। अपीलार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि उनके मुवक्किलों के पास पूर्ण योग्यताएं हैं और वे पिछले छह वर्षों से कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति निरस्त करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि यदि एकलपीठ के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो आगामी 24 अक्टूबर को नई नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
युगलपीठ ने अपील की सुनवाई के पश्चात एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।