उत्तरी बाईपास के फेज-2 के निर्माण की तैयारी: आड़े आ रहे 3 हजार पेड़ कटेंगे

बहादुरगढ़ में ड्रेन के दोनों तरफ 94 करोड़ की लागत से सड़क बनाई जाएगी। इसका टेंडर हो चुका है। अब दूसरे चरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। परियोजना के तहत मुंगेशपुर ड्रेन और वेस्ट जुआं ड्रेन के किनारों पर सड़क और रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है।

यातायात को सुगम बनाने के लिए लाइनपार क्षेत्र में उत्तरी बाईपास का निर्माण हो रहा है। यह कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इसके दूसरे फेज की भी तैयारी शुरू हो गई हैं। वन विभाग की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही ड्रेन किनारे खड़े पेड़ों की कटाई का कार्य शुरू होगा और लगभग तीन हजार पेड़ काटे जाएंगे।

वन विभाग ने 1.29 करोड़ का बजट सिंचाई विभाग से पेड़ कटाई का मांगा है। वन विभाग को यह राशि उपलब्ध करवाने के लिए सिंचाई विभाग ने मुख्यालय में पत्र भेज दिया है। इसकी स्वीकृति मिलते ही यह राशि वन विभाग को जमा करा दी जाएगी। इसके बाद कार्य शुरू होगा। फेज-2 के लिए सरकार की ओर से पहले ही 125 करोड़ का बजट पास किया हुआ है, लेकिन यह राशि कम रहने की संभावना है।

एस्टीमेट बनने के बाद पता चलेगा कि प्रोजेक्ट पर कितनी राशि खर्च होगी। फिलहाल ड्रेन की पैमाइश के लिए भी तहसीलदार व संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है ताकि ड्रेन के अतिक्रमण को हटाया जा सके। ड्रेन करीब 120 फीट चौड़ी है। उत्तरी बाईपास के प्रथम चरण का रिटेनिंग वाॅल बनाने और इस्कॉन मंदिर के पास बाॅक्स टाइप ड्रेन बनाने के लिए सिंचाई विभाग का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।

ड्रेन के दोनों तरफ 94 करोड़ की लागत से सड़क बनाई जाएगी। इसका टेंडर हो चुका है। अब दूसरे चरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। परियोजना के तहत मुंगेशपुर ड्रेन और वेस्ट जुआं ड्रेन के किनारों पर सड़क और रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। पहले चरण में वेस्ट जुआं ड्रेन पर करीब 2.5 किलोमीटर लंबाई में दोनों किनारों पर रिटेनिंग वाॅल का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसे आगे नाहरा-नाहरी रोड से जोड़ने के लिए 6 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है।

दूसरे चरण में होगा यह निर्माण
दूसरे चरण में आसौदा से नाहरा-नाहरी रोड तक पहला हिस्सा और वहां से सेक्टर-9 बाईपास तक लगभग ढाई किलोमीटर लंबाई वाला हिस्सा शामिल है। इस भाग में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे आरओबी (ओवर ब्रिज) बनाने का प्रस्ताव है, जिसे पीडब्ल्यूडी विभाग तैयार करेगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना बहादुरगढ़ के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी। इसके पूरा होने पर दिल्ली की ओर यातायात और तेज व सुगम होगा। इसमें लगभग दो साल का समय लग सकता है। बहादुरगढ़ का उत्तरी बाईपास न केवल शहर के यातायात बोझ को कम करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी बेहतर संपर्क सुविधा देगा।

फेज-2 के काम से पहले वन विभाग ने मुंगेशपुर ड्रेन क्षेत्र में खड़े करीब 3 हजार पेड़ों की कटाई के लिए 1.29 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सिंचाई विभाग को भेजा है। इस राशि का उपयोग पेड़ों की कटाई और पुन:रोपण प्रक्रिया में किया जाएगा। पेड़ों की कटाई के लिए स्वीकृति मिलने के बाद बाईपास निर्माण का अगला चरण शुरू किया जाएगा। विभाग ने दूसरे चरण का एस्टीमेट तैयार करना शुरू कर दिया है, जो लगभग 125 करोड़ रुपये का होगा। इसमें रिटेनिंग वाॅल, सड़क निर्माण, बिजली व्यवस्था और रेलवे आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) का निर्माण शामिल है। पेड़ों की कटाई और पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद प्रोजेक्ट का बजट सरकार के पास भेजा जाएगा। बजट स्वीकृत होते ही दूसरे चरण का टेंडर जारी कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। -इशान सिवाच, कार्यकारी अभियंता, सिंचाई विभाग, बहादुरगढ़।

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