रूप चौदस पर न लगाएं ये उबटन, त्वचा पर हो सकते हैं मुहांसे

जानिए रूप चौदस पर उबटन लगाने की परंपरा, कौन सा उबटन ऑयली स्किन वालों के लिए सही है और किन सामग्रियों से बचना चाहिए।

रूप चौदस यानी नरक चतुर्दशी को सुंदरता और शुद्धता का पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और स्नान कर खुद को चंदन, उबटन और सुगंधित तेल से अलंकृत किया था। तभी से इस दिन उबटन लगाने की परंपरा चली आ रही है।

उबटन लगाने का उद्देश्य सिर्फ सौंदर्य बढ़ाना नहीं, बल्कि शरीर को शुद्ध और ऊर्जावान बनाना है। माना जाता है कि रूप चौदस पर उबटन लगाने से तन और मन दोनों पवित्र होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

आयुर्वेद के अनुसार उबटन त्वचा से मृत कोशिकाएं हटाकर त्वचा में निखार और चमक लाता है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से चंदन, हल्दी, बेसन और गुलाब जल से बना उबटन लगाने की परंपरा है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति रूप चौदस के दिन स्नान से पहले उबटन लगाता है, उसके जीवन में तेज, सौभाग्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

रूप चौदस या दिवाली से पहले उबटन लगाने की परंपरा तो है, लेकिन हर किसी की स्किन टाइप अलग होती है। अगर गलत उबटन लगाया जाए, तो निखार की जगह रैशेज़, ऑयल या ड्राईनेस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। यहां जानिए किस स्किन टाइप वालों को कौन सा उबटन नहीं लगाना चाहिए।

ऑयली स्किन वाले

अगर आपकी तैलीय त्वचा है तो मलाई, दही या ज्यादा तेल वाला उबटन न लगाएं। इससे चेहरे पर अतिरिक्त तेल जमा होकर पिंपल्स और ब्लैकहेड्स बढ़ते हैं। आॅयली स्किन वालों के लिए बेसन, हल्दी, चंदन और गुलाबजल का उबटन बेहतरीन विकल्प है।

ड्राई स्किन वाले

ड्राई स्किन वाले अगर रूप चौदस पर उबटन लगा रहे हैं तो ध्यान रखें कि नींबू, मुल्तानी मिट्टी या टैल्क बेस्ड उबटन न लगाएं। ये स्किन को और ज्यादा रूखा बना देते हैं। रूखी त्वचा वालों के लिए बेहतर विकल्प है कि वे दूध, शहद, मलाई, बादाम पाउडर और हल्दी वाला उबटन बनाकर लगाएं।

सेंसिटिव स्किन वाले

कुछ लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है। वह हर तरह के प्रोडक्ट्स का उपयोग नहीं कर सकते हैं। सेंसिटिव स्किन वाले हल्दी या नींबू की अधिक मात्रा वाला उबटन बिल्कुल न लगाएं। इनसे एलर्जी या जलन हो सकती है। उन्हें ऐलोवेरा जेल, बेसन और गुलाबजल वाला हल्का उबटन लगा सकते हैं।

नार्मल स्किन वाले लोग बेसन, हल्दी और दूध का पारंपरिक उबटन लगा सकते हैं। गुलाबजल को भी उबटन में मिला सकते हैं। हालांकि उबटन लगाने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर करें, खासकर अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है।

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