मंडियों में धान पर बारिश की मार, सुखाने में जुटे किसान

पंजाब में दो दिन के दौरान हुई बारिश से मंडियों में पड़े धान को काफी नुकसान हुआ है। अब नुकसान कम करने के लिए किसान धान को सुखाने में जुट गए हैं ताकि फसल का सही मूल्य मिल सके।
पंजाब में अभी तक मंडियों में 9 लाख 67 हजार 902 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। बारिश के कारण अब कटाई पर भी ब्रेक लग गई है। यही कारण है कि किसान फसल सुखने का इंतजार कर रहे हैं। अगले पांच-छह दिन में फसल में नमी की मात्रा कम होने के बाद ही फसल की कटाई दोबारा रफ्तार पकड़ सकती है।
प्रदेश में मंडियों से बुधवार तक 4 लाख 24 हजार 660 मीट्रिक टन फसल का उठान हुआ और बाकी मंडियों में पड़े बाकी धान को बारिश की मार का सामना करना पड़ा। सरकार के अनुसार अब तक 8 लाख 98 हजार 755 टन की सरकारी खरीद हुई है।
अमृतसर की अनाज मंडी भगतांवाला, जंडियाला गुरु, टांगरा और आसपास के गांवों में पिछले कल हुई भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। भगतांवाला और जंडियाला गुरु अनाज मंडी में लाई गई धान की फसल जहां बारिश से भीग गई, वहीं कई किसानों के खेतों में आलू, मटर और चने की बुवाई भी पानी से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
मंडी में मौजूद किसानों ने बताया कि धान भीगने के कारण कई किसान अपनी फसलों की बोली नहीं लगा पाए जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कई किसानों को अपनी फसलों पर तिरपाल लगाकर रात भर मंडी में ही डेरा डालना पड़ेगा ताकि धान और खराब न हो। किसान अमरदीप सिंह गुनोवाल, सरबजीत सिंह, जोबन सिंह, बलजिंदर सिंह, कैप्टन सिंह, परगट सिंह और अनूप सिंह ने बताया कि बारिश के कारण जहां धान की फसल को नुकसान पहुंचा है, वहीं मटर और आलू की फसल वाले खेतों में पानी जमा होने से फसल सड़ने का खतरा है।
अमृतसर में अब तक 80324 मीट्रिक टन धान की हो चुकी खरीद
अमृतसर की 48 मंडियों में धान की खरीद लगातार जारी है। डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि मंगलवार शाम तक मंडियों में 80585 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है जिसमें से 80324 मीट्रिक टन धान की खरीद विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। सरकार ने किसानों के लिए धान का सरकारी मूल्य 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है और इसलिए धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से अपील की कि वे मंडी में सूखा धान ही लेकर आएं ताकि उन्हें मंडी में खरीद के लिए इंतजार न करना पड़े। डीसी ने किसानों से पराली जलाए बिना अपनी फसल के अवशेषों का जिम्मेदारी से प्रबंधन करने की भी अपील की।
पटियाला की मंडियों में भीगी किसानों की फसलें
पटियाला में बारिश के कारण मंडियों में पड़ी किसानों की फसलें भीग रही हैं। सरकार व प्रशासन के सभी दावों के विपरीत फसलों को बारिश से बचाने के लिए उचित प्रबंध न होने से किसान भड़क गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि खास तौर से उन मंडियों में नुकसान हुआ है, जो कच्ची थीं और शेडों की कमी थी। पहले बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान हुआ। फिर फसलों पर वायरस ने हमला कर दिया जिससे धान के पौधे बौने रह गए। अब रही-सही कसर बारिश ने पूरी कर दी है। तिरपालों की कमी से भी धान की फसलें भीगी हैं। सरकार को तुरंत इसका गंभीर नोटिस लेते हुए किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए वरना किसानों को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।