ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर दिया बयान

अमेरिकी व्यापार सलाहकार जैमीसन ग्रीर ने कहा है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद उसकी अर्थव्यवस्था का ‘आधार’ नहीं है, बल्कि वह अपनी ऊर्जा खरीद में विविधता ला रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने फैसले खुद लेने में सक्षम है और अमेरिका किसी देश को यह निर्देश नहीं देता कि वे किसके साथ संबंध रखें।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार जैमीसन ग्रीर ने कहा है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद भारतीय आर्थिकी का ‘आधार’ नहीं है, बल्कि वह अब अपनी ऊर्जा खरीद में विविधता लाने लगा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने फैसले खुद लेने में पूरी तरह सक्षम है। अमेरिका दूसरे देशों को यह निर्देश कतई नहीं दे रहा है कि वे किसके साथ संबंध रख सकते हैं और किसके साथ नहीं। इकनामिक क्लब आफ न्यूयार्क द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ग्रीर ने कहा, “भारत, रूस से हमेशा इतना ज्यादा तेल नहीं खरीदता है। यूं तो रूस के साथ उसके रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में उसने रूसी तेल को न सिर्फ खपत के लिए, बल्कि रिफाइनिंग और पुनर्विक्रय के लिए भी कम दाम पर खरीदना शुरू किया है।”
जैमीसन ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि यह भारतीय आर्थिकी का कोई आधारभूत हिस्सा है। हमारा मानना है कि यह ऐसा कुछ है जो वे कर सकते हैं और उन्हें करना चाहिए। और सच कहूं तो, मैं देख रहा हूं कि वे विविधता लाना शुरू कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वे इसे समझते हैं। जाहिर है कि वे (भारत) एक संप्रभु देश हैं। वे अपने फैसलों को नियंत्रित करेंगे।”
जैमीसन ग्रीर ने कहा, “हम दूसरे देशों को यह निर्देश देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि वे किसके साथ संबंध रख सकते हैं और किसके साथ नहीं। हम ऐसा करने की कतई कोशिश नहीं कर रहे हैं।” उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है।
ट्रंप और उनके प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद यूक्रेन के खिलाफ मास्को के युद्ध को बढ़ावा दे रही है। ट्रंप ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि चीन और भारत रूसी तेल की खरीद जारी रखकर मौजूदा यूक्रेन युद्ध के ‘प्राथमिक वित्तपोषक’ हैं।