आरएसएस के 100 वर्ष पूरे; शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन पर जोर

उत्तराखंड: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संघ शताब्दी वर्ष के तहत पंच परिवर्तन पर जोर होगा। आरएसएस के सालभर कार्यक्रम चलेंगे, जिनके माध्यम से संघ प्रदेश के 20 लाख परिवारों तक पहुंचेगा। आरएसएस ने हाल में अपनी स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश किया है।

यह साल आरएसएस शताब्दी वर्ष के तौर पर मनाएगा। प्रदेश के 26 जिलों के 1351 मंडल, बस्ती व नगर स्तर पर कार्यक्रम होंगे। संघ ने लक्ष्य रखा है कि इस एक साल में उत्तराखंड के 20 लाख परिवारों तक पहुंचेंगे। खास बात ये है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। उनके आसपास के क्षेत्रों में ये कार्यक्रम होंगे।

जिम्मेदारी निभाने का आह्वान
शताब्दी वर्ष में आरएसएस का खास जोर पंच परिवर्तन पर है, जिसके लिए भी स्वयंसेवकों से आग्रह किया जाएगा। इसके तहत स्व का आत्मबोध जैसे स्वदेशी उत्पाद, स्वदेशी भाषा, संस्कार अपनाने, दूसरा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने, तीसरा पर्यावरण एवं जल संरक्षण को अपनाने पर बल दिया जाएगा।

इसके अंतर्गत पानी, पेड़ और पॉलिथीन से मुक्ति के प्रति जागरूक और जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया जाएगा। चौथा कुटुम्ब प्रबोधन होगा, जिसके तहत परिवार को मजबूत करने और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने और पांचवां धर्म जागरण होगा, जिसके तहत स्वयंसेवकों को अपने धार्मिक मूल्यों को जानने, अपनाने, जागृत करने, रक्षा करने पर जोर दिया जाएगा।

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