सुपौल में 13 अक्टूबर से नामांकन, 11 नवंबर को होगा मतदान

सुपौल जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी और जिलाधिकारी सावन कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी और 20 अक्टूबर तक अभ्यर्थी नामांकन दाखिल कर सकेंगे।
सुपौल जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा। यह जानकारी सोमवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी सावन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि नामांकन प्रक्रिया 13 अक्टूबर से आरंभ होगी। अभ्यर्थी 20 अक्टूबर तक संबंधित निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी, जबकि अभ्यर्थी 23 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। मतगणना 14 नवंबर को सुबह 8 बजे जिला मुख्यालय स्थित बीएसएस कॉलेज परिसर में होगी।
वोटरों का विवरण
अब तक जिले में कुल 15,36,954 वोटर रजिस्टर्ड हैं। इनमें 807,584 पुरुष, 729,356 महिला और 14 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं। विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार मतदाताओं का विवरण इस प्रकार है:
निर्मली: 3,03,529
पिपरा: 3,04,332
सुपौल: 2,92,484
त्रिवेणीगंज: 3,03,595
छातापुर: 3,33,014
जिलाधिकारी ने बताया कि संवीक्षा के 10 दिन पहले तक आम लोग या राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मतदाता सूची में सुधार या नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं। नामांकन के लिए चुनाव चिह्न आवंटन और परमिशन हेतु सिंगल विंडो निर्वाचक पदाधिकारी स्तर से ही होगी।
मतदान सामग्री के डिस्पैच के लिए दो स्थान तय किए गए हैं। निर्मली, सुपौल और छातापुर विधानसभा क्षेत्र के लिए डिस्पैच सेंटर बीएसएस कॉलेज, जबकि पिपरा और त्रिवेणीगंज के लिए आईटीआई कॉलेज परिसर में बनाया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी शरथ आरएस और उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिरुद्ध कुमार भी मौजूद थे।
शत प्रतिशत बूथों पर वेबकास्टिंग और सुरक्षा
जिलाधिकारी ने बताया कि चुनाव के दौरान सभी बूथों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी। जिला कंट्रोल रूम के माध्यम से हर बूथ की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की भी तैनाती की जाएगी। चुनाव निगरानी के लिए विधानसभा वार सेक्टर पदाधिकारी और दंडाधिकारी तैनात किए गए हैं, जो आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करेंगे।