दिल्ली: नरेला में 145 करोड़ रुपये से बनेगी नई हाई सिक्योरिटी जेल

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने नरेला में हाई सिक्योरिटी जेल कांप्लेक्स के निर्माण के लिए 145.52 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर जारी कर दिया है। लगभग 10 एकड़ क्षेत्रफल में बनने वाली नई जेल में आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं, वार्ड ब्लॉक, प्रशासनिक भवन, डिस्पेंसरी, लंगर हॉल, वॉच टावर और सीसीटीवी नेटवर्क जैसी व्यवस्थाएं होंगी।

यह परियोजना राजधानी में बढ़ती कैदियों की संख्या और तिहाड़ पर बढ़ते दबाव को देखते हुए तैयार की गई है। नई जेल का निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपपीसी) मोड पर होगा और इसे 21 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। बोली की अंतिम तिथि 24 अक्तूबर है। परियोजना की अनुमानित लागत में से 125.07 करोड़ रुपये सिविल कार्यों पर और 20.44 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। जेल में बनने वाले चार प्रमुख वार्ड ब्लॉकों में कैदियों के लिए 256 सेल, मेडिकल रूम, वकील कक्ष, कानूनी सहायता केंद्र और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम होंगे।

इसके अलावा, प्रशासनिक ब्लॉक में अदालत कक्ष, न्यायाधीश कक्ष, महिला और पुरुष आगंतुकों के लिए अलग-अलग तलाशी क्षेत्र और आधुनिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष होगा। परियोजना में एक कंट्रोल रूम, डिस्पेंसरी ब्लॉक, और मैस स्टाफ क्षेत्र भी बनाया जाएगा। बाहरी क्षेत्र में 6 मीटर ऊंची सीमेंट कंक्रीट बाउंड्री वॉल, सीवरेज सिस्टम, वर्षा जल संचयन, सौर जल हीटिंग सिस्टम और बागवानी कार्य भी शामिल हैं।

पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज में कहा गया है कि दिल्ली की मौजूदा जेलों विशेषकर तिहाड़ में लगातार बढ़ते कैदियों की संख्या को देखते हुए हाई सिक्योरिटी कैदियों के लिए अलग परिसर की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। नरेला साइट का चयन इसी उद्देश्य से किया गया है ताकि शहर के भीतर ही पर्याप्त सुरक्षा वाले आवास की व्यवस्था की जा सके।

2019 से योजना पर चल रहा काम
नरेला में नई हाई सिक्योरिटी जेल बनाने की योजना 2019 से विचाराधीन रही है। गृह विभाग और दिल्ली जेल प्रशासन ने 2019-20 के दौरान इस दिशा में प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया था जिसे बाद में 2021 में पीडब्ल्यूडी को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में सौंपा गया। इसके बाद 2022-23 में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई और भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अब टेंडर जारी होने के साथ निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है।

नई जेल के बनने से तिहाड़ और मंडोली जेल पर दबाव कम होगा और राजधानी में हाई सिक्योरिटी कैदियों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि यह दिल्ली की पहली जेल होगी जो ईपीसी मोड पर पूरी तरह से स्मार्ट सुरक्षा सिस्टम और ग्रीन बिल्डिंग फीचर्स के साथ तैयार होगी।

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