सप्तमी तिथि पर होती है मां कालरात्रि की पूजा, इन शुभकामना संदेशों से करें दिन की शुरुआत

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है। ऐसे में अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों को इसकी बधाई दें। यहां मां कालरात्रि का बीज मंत्र भी दिया जा रहा है।

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विशेष पूजा की जाती है। मां कालरात्रि दुर्गा माता के नौ रूपों में से एक है। इस दिन भक्त जन मां कालरात्रि की आराधना कर अपने जीवन से सभी बुरी शक्तियों, कष्टों और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि माता के इस रूप की पूजा से व्यक्ति को साहस, शक्ति और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। सातवें दिन मां कालरात्रि की विधिपूर्वक पूजा का विशेष महत्व होता है और इसे शुभ मानकर इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

इस पावन अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों को मां कालरात्रि की पूजा की बधाई संदेश भेजना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मां कालरात्रि का बीज मंत्र और पूजन मंत्र भी इस मौके पर बहुत प्रभावी होते हैं। इन्हें अपने करीबियों के साथ साझा करके आप उनके लिए मां की विशेष कृपा की कामना कर सकते हैं।

इस तरह के शुभ संदेश और मंत्र नवरात्रि के सातवें दिन की भव्यता और आध्यात्मिकता को और भी गहरा कर देते हैं, जिससे सभी के मन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।

मां कालरात्रि बीज मंत्र

क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।

मां कालरात्रि का पसंदीदा भोग, नवरात्रि के सातवें दिन अवश्य करें अर्पित

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन की शुभकामनाएं

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

मां कालरात्रि का भोग

मां कालरात्रि का प्रिय भोग गुड़ है। ऐसे में आप सप्तमी के दिन गुड़ और गुड़ से बने पकवानों का भोग मां दुर्गा के इस स्वरूप को लगा सकते हैं। इसके लिए गुड़ की खीर और गुड़ की चिक्की एक बेहतर विकल्प है।

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