पटना में RJD का अतिपिछड़ा संवाद, तेजस्वी बोले- हम युवा पीढ़ी को अगले मुकाम तक लेकर जायेंगे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की नजर राज्य के 36 प्रतिशत अतिपिछड़ा वोट बैंक पर है। तीन दिन पहले राहुल गांधी की अनुवाई में इंडिया गठबंधन ने अतिपिछड़ों के लिए 10 सूत्री घोषणा पत्र जारी किया। अब राजद ने अतिपिछड़ा संवाद का आयोजन किया है।

पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में अतिपिछड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। अब तक सीएम नीतीश कुमार का वोट बैंक माने जाने वाले अतिपिछड़ा वर्ग इंडिया गठबंधन का फुल फोकस है। इसके लिए गठबंधन हर संभव कोशिश कर रहा है। आज राजद अतिपिछड़ा संवाद कर रहा है। वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में भीड़ उमड़ी है। तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम में शामिल होने से पहले कहा कि हम सबों के लिए हमारे पूर्वजों ने सामाजिक न्याय की बड़ी लड़ाई लड़ी है, अब आर्थिक न्याय के ज़रिए इस लड़ाई को हम युवा पीढ़ी के लोग अगले मुकाम तक लेकर जायेंगे। आज “कर्पूरी अतिपिछड़ा अधिकार संवाद” में मिलते है।

24 सितंबर को इंडिया गठबंधन ने अतिपिछड़ा न्याय संकल्प का आयोजन किया था। इसमें अतिपिछड़ा वर्ग को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 20 से 30 फीसदी करने की घोषणा की थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि वह चुनाव जीतने के बाद अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण नियम पारित करेंगे। पंचायती राज और नगर निकाय में ईबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 30 फीसदी कर देंगे। संविधान की धारा 5 के अंतर्गत संविधान के सभी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। एससी एसटी एक्ट की तरह ईबीसी एक्ट लाएंगे। एलान यह भी किया गया है कि अतिपिछड़ा जाति-जनजाति के भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

जानिए, अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र में क्या-क्या लिखा था

‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम’ पारित किया जाएगा।

अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा।

आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।

अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under- or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा।

अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।

UPA सरकार द्वारा पारित ‘शिक्षा अधिकार अधिनियम’ (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा।

25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों / आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।

संविधान की धारा 15(5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा।

आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।

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