राजस्थान में गहलोत-पायलट सहित 59 नेताओं की काउंसिल बनी

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने राज्य स्तर पर ‘ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल’ का गठन किया है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कुल 59 नेताओं को शामिल किया गया है।
कांग्रेस का मिशन: ओबीसी को साधना
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लंबे समय से ओबीसी वर्ग को संगठित करने और उनके हितों को प्राथमिकता देने की रणनीति पर काम कर रही है। पहले राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी नेताओं की काउंसिल बनाई गई, और अब राज्यों में भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
राजस्थान में बनी यह स्टेट ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल ओबीसी समाज के मुद्दों, समस्याओं और आंकड़ों को जुटाने का कार्य करेगी, ताकि पार्टी की नीतियां इस वर्ग की जरूरतों के अनुरूप तैयार की जा सकें।
काउंसिल में शामिल प्रमुख सदस्य
राजस्थान की 59 सदस्यीय ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं। इसके अलावा काउंसिल में 13 विधायक, 2 सांसद, 7 पूर्व मंत्री, 7 पूर्व विधायक, 7 महिला नेता, AICC और PCC के पदाधिकारी भी शामिल हैं। साथ ही 28 नेताओं को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भी शामिल किया गया है।
क्या है कांग्रेस की रणनीति?
कांग्रेस का मानना है कि सत्ता में वापसी के लिए ओबीसी वर्ग का समर्थन अनिवार्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए पहले राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी, और अब यह काउंसिल बनाकर ओबीसी समाज को संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस उनकी आवाज को प्राथमिकता दे रही है।