दिल्ली-एनसीआर में एच3एन2 फ्लू का प्रकोप, आधे से ज्यादा घर प्रभावित

दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों एच3एन2 फ्लू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। लोकल सर्किल के सर्वे के मुताबिक, बीते कुछ महीनों में यहां 50 से 70% घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित पाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सामान्य फ्लू से कहीं ज्यादा समय तक शरीर को थका सकता है और बच्चों, बुजुर्गों व सांस संबंधी रोगियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

लोकल सर्किल के 11,000 लोगों पर किए गए सर्वे में पाया गया कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में फ्लू का प्रकोप असामान्य रूप से बढ़ा है। 37% घरों में चार या उससे अधिक लोग बीमार पाए गए। 32% घरों में एक से तीन लोग बीमार। 25% घरों में कोई भी सदस्य पूरी तरह स्वस्थ नहीं। सितंबर 2025 के आंकड़े मार्च 2025 की तुलना में कहीं ज्यादा गंभीर हैं। उस समय 54% परिवारों ने फ्लू जैसी बीमारियों की जानकारी दी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार एच3एन2 वायरस सतह पर मौजूद प्रोटीन संयोजन से पहचाना जाता है। इसके प्रमुख लक्षण तेज बुखार या ठंड लगना, सूखी या गीली खांसी, खराश, थकान और मांसपेशियों में दर्द हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि लगातार बदलते मौसम, नमी और प्रदूषण ने वायरस को पनपने का मौका दिया है। अगर लोग मास्क, टीकाकरण और घर पर आराम जैसे साधारण कदम उठाएं तो संक्रमण की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है। गंदे हाथों से चेहरा, नाक या आंखों को न छुएं। लक्षण होने पर ऑफिस, स्कूल या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।

दिल्ली में 54% घरों में एक सदस्य संक्रमित
दिल्ली : 54% घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित। गुरुग्राम : 49% घर प्रभावित, आईटी और कॉर्पोरेट इलाकों में मामले ज्यादा। नोएडा : 46% परिवारों में संक्रमण के लक्षण, कई स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति बढ़ी। फरीदाबाद : 42% घरों में एक या अधिक बीमार, अस्पतालों में ओपीडी भीड़भाड़ बढ़ी। गाजियाबाद : 40% परिवार प्रभावित, बुजुर्गों में गंभीर मामले अधिक सामने आए। लोकल सर्किलस के सर्वे के मुताबिक एनसीआर के सभी शहरों में यह स्थिति मार्च 2025 की तुलना में कम से कम 15 से 20% ज्यादा गंभीर हो चुकी है।

कैसे पहचानें : सामान्य सर्दी जुकाम या एच3एन2 फ्लू
सामान्य सर्दी-जुकाम व एच3एन2 फ्लू के लक्षण मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। सर्दी-जुकाम की शुरुआत आमतौर पर धीरे-धीरे होती है और इसमें बुखार कम ही आता है, जबकि एच3एन2 फ्लू अचानक तेज बुखार (अक्सर 101 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर) के साथ शुरू होता है। जुकाम में खांसी हल्की या कभी-कभी होती है, लेकिन एच3एन2 फ्लू में खांसी अधिक तेज, सूखी या कभी-कभी गीली भी हो सकती है। गले में खराश दोनों में सामान्य लक्षण है, पर फ्लू में यह अधिक गंभीर हो सकता है। थकान और मांसपेशियों में दर्द एच3एन2 फ्लू की प्रमुख पहचान है। यह लक्षण कई दिनों तक बने रहते हैं। सर्दी-जुकाम आमतौर पर जटिलताओं में नहीं बदलता, जबकि एच3एन2 फ्लू निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और सांस लेने में गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकता है।

बचाव के उपाय
फ्लू का टीका लगवाएं : हर साल का टीकाकरण बीमारी की गंभीरता और अवधि कम करता है
मास्क का इस्तेमाल करें : खासकर भीड़-भाड़ वाले स्थानों, अस्पतालों और सार्वजनिक यातायात में
हाथ धोएं : साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक या सैनिटाइजर से
इम्यूनिटी मजबूत करें : हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन युक्त भोजन और प्रोबायोटिक्स (जैसे दही) का सेवन करें
बीमार होने पर घर पर रहें : संक्रमण को फैलने से रोकने का यह सबसे सरल उपाय है

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