15,962 अवैध बोरवेल सील, 3,875 ने खुद कटवाए कनेक्शन

राजधानी में भूजल संकट से निपटने के लिए अवैध बोरवेल के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। दिल्ली में 20,297 अवैध बोरवेल में से 15,962 को सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई का असर इतना प्रभावी रहा कि 3,875 लोगों ने खुद अपने अवैध बोरवेल कनेक्शन कटवा लिए हैं। यह खुलासा केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी अपनी हालिया रिपोर्ट में किया है।
सीजीडब्ल्यूए की यह रिपोर्ट एनजीटी के 28 मई, 2025 के निर्देश के जवाब में दाखिल की गई, जिसमें दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की कार्रवाइयों की निगरानी कर अवैध बोरवेल की स्थिति और जल निकायों के कायाकल्प पर विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 142 बोरवेल अभी भी सील किए जाना बाकी हैं, जबकि 160 पर कोर्ट की रोक है और 153 बोरवेल का पता नहीं चल सका। पांच बोरवेल को डीएलएसी से स्वीकृति प्राप्त है। सीजीडब्ल्यूए ने बताया है कि डीजेबी से जानकारी मांगने के बावजूद पहले पत्र का जवाब नहीं मिला, जिसके बाद डीजेबी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
जिलाधिकारियों ने भी कसी अवैध बोरवेल पर नकेल
दक्षिण-पश्चिम व उत्तर-पश्चिमी जिला प्रशासन ने बीते कुछ महीनों में 12 हजार से अधिक अवैध बोरवेल सील किए थे। कुछ अवैध बोरवेल पर पर्यावरण मुआवजा लगाया गया , जबकि कई के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी। एनजीटी को सौंपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण-पश्चिम इलाके में जहां कुल 6,926 अवैध बोरवेल में से 5,886 को सील किया। वहीं, उत्तर-पश्चिम इलाके में कुल 9,128 अवैध बाेरवेल में से 2,644 बाेरवेल सील किए गए थे। वहीं, पूर्वी दिल्ली में कुल 1,47 अवैध बाेरवेल में से 128 को सील किया गया था।
674 जल निकायों की पुष्टि कायाकल्प के निर्देश
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि डीजेबी की तरफ से सूचीबद्ध 1,367 जल निकायों में से केवल 674 की मौके पर मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इन जल निकायों के कायाकल्प के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए जिलाधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया है। साथ ही, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत 37 जल निकायों का कायाकल्प पूरा हो चुका है।