दिव्यांग बच्चों के लिए दिल्ली सरकार 10 नए संसाधन केंद्र खोल रही, मिलेगा मुफ्त इलाज और शिक्षा

दिल्ली सरकार 10 नए संसाधन केंद्र खोल रही है, जहां 12,500 दिव्यांग बच्चों को मुफ्त चिकित्सा, शिक्षा और परामर्श सेवाएं मिलेंगी। 17 सितंबर 2025 को पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन केंद्रों का उद्घाटन करेंगे।

दिव्यांग बच्चों के लिए दिल्ली सरकार 10 नए संसाधन केंद्र खोलने जा रही है। इसमें 12,500 बच्चों का इलाज होगा और इनके पढ़नी की पूरी व्यवस्था रहेगी। यहां इन बच्चों को मेडिकल, शैक्षणिक और परामर्श सेवाएं एक ही जगह मिलेंगी। ये केंद्र विशेष बच्चों की जिंदगी को आसान बनाएंगे।

संसाधन केंद्रों में बच्चों को मुफ्त चिकित्सा, शिक्षा और परामर्श सेवाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों का 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उद्घाटन करेंगा।

इन केंद्रों को दिव्यांग बच्चों की सुविधा के लिहाज से डिजाइन किया जाएगा। हर केंद्र में बच्चों की मदद करने के लिए छह विशेषज्ञों की टीम काम करेगी, जिसमें स्पीच थेरपिस्ट, फिजियोथेरपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरपिस्ट और बिहैवियरल एक्सपर्ट शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ बच्चों की बोलने, चलने-फिरने, रोजमर्रा के काम करने और व्यवहार सुधारने की क्षमता को बेहतर करेंगे। साथ ही, काउंसलिंग के जरिए बच्चों और उनके परिवारों को मानसिक संतुष्टि भी देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केंद्रों से बच्चों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा, जिससे वे मुख्यधारा की शिक्षा का हिस्सा बन सकेंगे।

इन जगहों पर खुलेंगे संसाधन केंद्र
ये केंद्र बादली, पश्चिम विहार, विश्वास नगर, मंगोलपुरी, नारायणा, द्वारका, नजफगढ़, छतरपुर, मदनपुर खादर और प्रताप नगर में खोले जाएंगे। हरएक केंद्र में बच्चों की जरूरतों के हिसाब से इलाज और पढ़ने की सुविधा रहेगी। माता-पिता को भी यहां पर परामर्श की सुविधा मिलेगी।

जिले में नोडल संस्थान जैसे काम करेंगे – रेखा गुप्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर शुरू की है। इन केंद्रों से बच्चों को शिक्षा, कौशल के जरिये उनके जीवन में बदलाव लाने की कोशिश है। ये केंद्र जिला स्तर पर नोडल संस्थान की तरह काम करेंगे, जहां दिव्यांगता से जुड़ी योजनाओं की निगरानी और शिक्षकों व अभिभावकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। दिव्यांग बच्चों को इससे नई उम्मीद मिलेगी। उनके लिए शिक्षा, इलाज और सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता अब आसान होगा।

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