SI को गोली मारने का मामला: पुलिस की घेराबंदी से घबराया आरोपी…

हरियाणा के जींद जिले का वांछित आरोपी सुनील कपूर ने रविवार (14 सितंबर 2025) को देहरादून के लक्ष्मण चौक क्षेत्र में पुलिस की घेराबंदी के दौरान अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सुनील कपूर जींद के पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुमित कुमार के खिलाफ यौन शोषण के फर्जी आरोपों से जुड़े दुष्प्रचार मामले में फरार चल रहा था।

घटनाक्रम का विवरण

शनिवार (13 सितंबर 2025) को हरिद्वार के बस स्टैंड के पास सुनील कपूर ने जींद पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) की टीम पर हमला किया था। उसने सब-इंस्पेक्टर सुरेंद्र पर अपनी रिवॉल्वर से दो गोलियां चलाईं, जिनमें से एक गोली सुरेंद्र के हाथ और दूसरी पेट में लगी। घायल सुरेंद्र को तुरंत एम्स ऋषिकेश ले जाया गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं। इस हमले के बाद जींद पुलिस ने सुनील के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया और उसकी तलाश शुरू कर दी।

पुलिस की घेराबंदी और आत्महत्या

देहरादून के पुलिस अधिकारी (एसएसपी) अजय सिंह ने बताया कि जींद और देहरादून पुलिस की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि सुनील कपूर देहरादून के लक्ष्मण चौक में अपने एक रिश्तेदार के मकान में छिपा हुआ है। रविवार को पुलिस ने मकान की घेराबंदी की और सुनील के रिश्तेदार को उसे सरेंडर करने के लिए कहा। जैसे ही पुलिस ने मकान में प्रवेश करने की कोशिश की, सुनील ने अपने हथियार से खुद को सिर में गोली मार ली। मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया, और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। सुनील के रिश्तेदार ने भी पुलिस को यही बताया कि उसने घेराबंदी के दौरान आत्महत्या की।

सुनील कपूर का आपराधिक इतिहास

सुनील कपूर (उम्र लगभग 40-45 वर्ष) जींद का निवासी था और एक आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता था। वह सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक, पर सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर करने के लिए सक्रिय था। हालांकि, वह कई विवादों में भी घिरा रहा।

मुख्य मामला (2024): सुनील पर जींद के पूर्व एसपी सुमित कुमार के खिलाफ यौन शोषण के फर्जी आरोप लगाने का इल्ज़ाम था। अक्टूबर 2024 में एक चिट्ठी वायरल हुई थी, जिसमें सात महिला पुलिसकर्मियों के हवाले से सुमित कुमार पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच में पता चला कि यह चिट्ठी सुनील के वाई-फाई और डिवाइस से भेजी गई थी। एक महिला पुलिसकर्मी ने इस चिट्ठी को फर्जी बताते हुए शिकायत दर्ज की थी।

कानूनी स्थिति: सुनील के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज था। वह लंबे समय से फरार चल रहा था, और विशेष जांच दल (एसआईटी) उसके बयान का इंतजार कर रही थी।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

देहरादून पुलिस के अनुसार, फॉरेंसिक टीम घटना की जांच कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सुनील के पास हथियार कैसे पहुंचा और क्या इस आत्महत्या के पीछे कोई साजिश थी। जींद पुलिस ने सुनील के खिलाफ दर्ज मामलों को अब बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि मुख्य आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।

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