“मैं तो तला-भुना नहीं खाती, फिर भी क्यों हो रहे पिंपल्स?”

मुहांसे यानी Acne एक ऐसी समस्या है, जिसे अक्सर लोग केवल किशोरावस्था तक सीमित मानते हैं, लेकिन सच यह है कि गलत धारणाओं के चलते हम अक्सर इसका सही कारण और इलाज नहीं समझ पाते। आइए डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. गुरवीन वराइच गरेकर से जानते हैं एक्ने से जुड़े 5 मिथक और उनके पीछे की सच्चाई।
मिथक 1: “35 की उम्र में मुहांसे कैसे? मुझे तो कभी टीनएज में नहीं हुए थे”
सच्चाई यह है कि मुहांसे केवल किशोरावस्था की समस्या नहीं हैं। 25 साल की उम्र के बाद भी कई लोग एडल्ट एक्ने से जूझते हैं। हार्मोनल बदलाव और स्ट्रेस इसके बड़े कारण हो सकते हैं।
मिथक 2: “मेरी स्किन तो ड्राई है, फिर एक्ने क्यों?”
ज्यादातर लोग मानते हैं कि सिर्फ ऑयली स्किन पर ही पिंपल निकलते हैं। जबकि हकीकत यह है कि ड्राई स्किन पर भी वयस्क अवस्था में मुहांसे समान रूप से हो सकते हैं।
मिथक 3: “मैं जंक फूड नहीं खाता, फिर भी पिंपल क्यों?”
साफ-सुथरा और हेल्दी खाना खाना बेशक फायदेमंद है, लेकिन यह पूरी तरह एक्ने को रोक नहीं सकता। शुगर और डेयरी प्रोडक्ट्स मुहांसों को बढ़ा सकते हैं, लेकिन यह उनकी असल वजह नहीं हैं।
मिथक 4: “मेकअप की वजह से पिंपल्स होते हैं”
असल में, मेकअप से नहीं बल्कि उसे सही तरीके से साफ न करने से समस्या बढ़ती है। अगर दिन के आखिर में स्किन को अच्छे से क्लीन किया जाए, तो मेकअप से मुहांसों का सीधा संबंध नहीं होता।
मिथक 5: “टीनेज में एक्ने होना तो नॉर्मल है, इलाज की जरूरत नहीं”
यह सबसे खतरनाक भ्रम है। टीनएज में एक्ने आम तो हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करने से स्थायी दाग-धब्बे और स्कार्स हो सकते हैं। समय पर इलाज जरूरी है ताकि भविष्य में स्किन हेल्दी बनी रहे।
डर्मेटोलॉजिस्ट का कहना है कि मुहांसों को लेकर फैली गलत धारणाएं अक्सर लोगों को सही इलाज से दूर कर देती हैं। सच यह है कि चाहे उम्र कोई भी हो या स्किन टाइप कैसा भी हो, एक्ने का इलाज करना जरूरी है। सही जानकारी और सही देखभाल से आप अपनी त्वचा को लंबे समय तक साफ और हेल्दी रख सकते हैं।