भारत-पाक मैच से बीसीसीआई का ‘अदृश्य’ बायकाट, नहीं दिख रहे भारतीय बोर्ड के अधिकारी

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर माहौल बदला हुआ है। पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत में हर मोर्चे पर पाकिस्तान का विरोध किया जा रहा है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। भारतीय बोर्ड के अधिकारी मैच से पहले अभी तक दुबई में नजर नहीं आ रहे हैं।

एशिया कप में रविवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर इस बार माहौल कुछ अलग है। जहां पहले इस हाई-वोल्टेज भिड़ंत को लेकर दर्शकों और बीसीसीआई और उसके राज्य संघों के पदाधिकारियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता था, वहीं अब स्थिति बदली हुई नजर आ रही है।

इस मैच को लेकर भारत में चल रही ‘बायकाट मुहिम’ के कारण बीसीसीआई के अधिकतर पदाधिकारियों ने इस मैच से दूरी बना ली है। इसे बीसीसीआई का ‘अदृश्य बायकाट’ भी माना जा रहा है।एशिया कप का मेजबान बीसीसीआई है और भारत पाकिस्तान मैच में केवल एक दिन शेष है।

बावजूद इसके अब तक बोर्ड का कोई बड़ा पदाधिकारी दुबई नहीं पहुंचा है। जबकि पिछली बार जब दुबई में ही चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाकिस्तान का मैच हुआ था, तो बीसीसीआई के तमाम शीर्ष पदाधिकारी और कई राज्य क्रिकेट बोर्डों के प्रतिनिधि यहां मौजूद थे।

देश में हो रहा है विरोध
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक मैच को लेकर देश में जो भावनात्मक माहौल बना है, उसे देखते हुए बीसीसीआई के पदाधिकारी इस मैच से दूर रखना ही बेहतर समझ रहे हैं। 70 वर्ष के होने के कारण रोजर बिन्नी अब अध्यक्ष नहीं हैं। सचिव देवजीत सैकिया महिला विश्व कप की तैयारियों के नाम पर यहां नहीं आएंगे। आईपीएल चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने भी इस मैच को नहीं देखने का निर्णय लिया है।

कोषाध्यक्ष प्रभतेज भाटिया और संयुक्त सचिव रोहन देसाई का भी आना मुश्किल है। उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के कार्यकारी बोर्ड सदस्य भी हैं। ऐसे में वह भारत की जीत के बाद जरूर कैमरे पर दिखाई दे सकते हैं। बीसीसीआई के पूर्व सचिव, एसीसी के पूर्व चेयरमैन और आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने इस समय अपने दुबई ऑफिस की जगह अमेरिका के किसी बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मुकाबले को रोकने की अपील की गई थी लेकिन कोर्ट ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया। भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जाएगी, लेकिन बहुदेशीय टूर्नामेंटों में भारत को खेलने की मंजूरी है। एक पदाधिकारी ने कहा कि सरकार से अनुमति मिलने के बाद हम इस मैच को जरूर करा रहे हैं लेकिन वहां जाकर कैमरे के सामने कोई नहीं आना चाहता क्योंकि इससे हमारे विरुद्ध माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि अगर कोई पदाधिकारी मैच देखने पहुंचा भी तो वह केवल भारत की जीत सुनिश्चित होने के बाद ही कैमरे पर दिखेगा। कुल मिलाकर एशिया कप के इस हाई-वोल्टेज भारत-पाक मैच में इस बार न केवल दर्शकों का, बल्कि बीसीसीआई अधिकारियों का भी का उत्साह फीका पड़ता दिख रहा है।

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