सरकारी स्कूल में दो टीचरों की तगड़ी भिड़ंत, डरकर क्लास से भागे बच्चे

दरअसल खबरों के मुताबिक स्कूल के अंदर पढ़ाने को लेकर दोनों शिक्षकों के बीच किसी बात पर बहस शुरू हुई। बहस धीरे-धीरे इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे पर हाथापाई करने लगे।
सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे वीडियोज वायरल होते रहते हैं, जिसे देखकर हम भी हैरान रह जाते हैं। जिस घटना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह घटना छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की है, जहां धारासीव इलाके के एक सरकारी हाई स्कूल में बच्चों के सामने ही दो शिक्षकों के बीच जमकर मारपीट हो गई। यह मामला इतना गंभीर है कि अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। तो आज की इस खबर में हम आपको इसी वीडियो के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल खबरों के मुताबिक स्कूल के अंदर पढ़ाने को लेकर दोनों शिक्षकों के बीच किसी बात पर बहस शुरू हुई। बहस धीरे-धीरे इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे पर हाथापाई करने लगे। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और दोनों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। यह सब कुछ क्लासरूम के अंदर हुआ और उस समय वहां बच्चे मौजूद थे। छात्र-छात्राएं अचानक हुए इस झगड़े को देखकर बुरी तरह डर गए। छोटे-छोटे बच्चे चीखते-चिल्लाते हुए क्लास से बाहर भागते नजर आए। किसी ने भी सोचा नहीं था कि उनके शिक्षक, जिनसे वे पढ़ाई और अनुशासन की उम्मीद करते हैं, खुद आपस में इस तरह लड़ पड़ेंगे।
सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुआ वीडियो
स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे दोनों शिक्षक आपसी विवाद में इतने उलझ गए कि उन्हें इस बात का भी ध्यान नहीं रहा कि उनके सामने बच्चे मौजूद हैं। घटना सामने आने के बाद से ही इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग कह रहे हैं कि शिक्षक बच्चों के लिए रोल मॉडल होते हैं। जब वही क्लासरूम में हिंसा करेंगे, तो बच्चे उनसे क्या सीखेंगे? वहीं, इस घटना ने स्कूल की व्यवस्था और शिक्षकों के आचरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लोगों ने उठाए ये सवाल
यह मामला अब प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए भी चुनौती बन गया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर स्कूलों में शिक्षकों के बीच ऐसे विवाद क्यों होते हैं और उनका समाधान कैसे किया जाए। विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। इस घटना से एक और बड़ा सवाल यह भी खड़ा हुआ है कि क्या स्कूलों में अनुशासन और नियमों का पालन सही से हो रहा है? अगर शिक्षक ही बच्चों के सामने संयम न रख पाएं तो यह शिक्षा व्यवस्था की छवि को धक्का पहुंचाता है।