धर्म आधारित आवासीय परियोजनाएं राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा

उपाध्ये ने कहा, ‘1857 के विद्रोह के बाद, सर सैयद अहमद खान ने मुसलमानों के लिए अलग बस्तियों की मांग की थी, जिसे विभाजन की पहली मांग माना गया। करजत में आज की हलाल बस्ती को भी देश की एकता के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा जाना चाहिए।’
महाराष्ट्र भाजपा ने धर्म के आधार पर आवासीय परियोजनाओं की आलोचना की है और विभाजनकारी हथकंडा बताते हुए इन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बताया। भाजपा ने कहा कि धर्म आधारित आवासीय परियोजनाएं देश के सांविधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता को कमजोर करती हैं। भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने हाल ही में मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर करजत के पास प्रस्तावित ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ‘हमारी आपत्ति आवासीय संपत्तियों की बिक्री के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाने को लेकर है। यह अस्वीकार्य है।’ यह टाउनशिप सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप के नाम से प्रमोट की जा रही है।
हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप पर बढ़ा विवाद
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने करजत परियोजना से जुड़ी शिकायत का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, आवास नियामक महाराष्ट्र रेरा से भी इस परियोजना को मंजूरी देने के कानूनी आधार पर स्पष्टीकरण मांगा है। उपाध्ये ने कहा कि धर्म से प्रेरित ऐसी परियोजनाएं विभाजन के बीज बोने का प्रयास करती हैं। उन्होंने कहा, ‘मुंबई के आसपास ऐसी ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ बनाकर समाज में धार्मिक विभाजन की दीवारें खड़ी करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।’
‘ये परियोजना सांविधानिक मूल्यों पर सीधा हमला’
भाजपा नेता ने कहा, ‘1857 के विद्रोह के बाद, सर सैयद अहमद खान ने मुसलमानों के लिए अलग बस्तियों की मांग की थी, जिसे विभाजन की पहली मांग माना गया। करजत में आज की हलाल बस्ती को भी देश की एकता के लिए खतरे की घंटी के रूप में देखा जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि परियोजना के प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे विवरण सांविधानिक मूल्यों पर सीधा हमला हैं और ये जानबूझकर विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह हलाल टाउनशिप नहीं चलेगी। ऐसा कोई प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में नहीं चलेगा।
‘विकास की आड़ में लैंड जिहाद’
उपाध्ये ने कहा, ‘अगर आज ऐसी परियोजनाओं को अनुमति दी गई, तो कल हम हर जिले और गांव में हर धर्म के लिए अलग-अलग बस्तियां देखेंगे। यह भारत के सामाजिक सद्भाव, एकता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होगा।’ उन्होंने सरकार से इसकी जांच शुरू करने का आग्रह किया और कहा कि धर्म के नाम पर समाज को बांटने की किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपाध्ये ने कहा, ‘विकास की आड़ में विभाजन की साजिश लैंड जिहाद है। ऐसी योजनाओं के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि महाराष्ट्र में किसी भी तरह के जिहाद या फतवे के लिए कोई जगह नहीं है।’