बुजुर्गों को घर के पास ही मिलेगा इलाज, पीजीआई रोहतक देगा स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग

बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर वह चलने-फिरने के लिए असहाय हो जाते हैं। कई बार उन्हें मानसिक बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में उन्हें जल्द और घर के पास ही इलाज मिले तो उन्हें काफी आराम मिल सकता है और बीमारियों को भी काबू किया जा सकता है।
को अपनी स्वास्थ्य संबंधी देखभाल व इलाज के लिए अब ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा। अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी में तैनात डॉक्टरों को अब बुजुर्गों में उम्र के हिसाब से होने वाली बीमारियों की पहचान और उनके इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए रोहतक पीजीआई हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को प्रशिक्षण देगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने मंजूरी दे दी है। बहुत जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर वह चलने-फिरने के लिए असहाय हो जाते हैं। कई बार उन्हें मानसिक बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में उन्हें जल्द और घर के पास ही इलाज मिले तो उन्हें काफी आराम मिल सकता है और बीमारियों को भी काबू किया जा सकता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पीजीआई रोहतक के साथ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। हरियाणा स्वास्थ्य महानिदेशक डा. मनीष बंसल ने बताया, बहुत जल्द डॉक्टरों का प्रशिक्षण शुरू होगा। इससे बुजुर्ग मरीजों को समय रहते इलाज मिल सकेगा। साथ ही उनकी क्वालिटी आफ लाइफ में भी सुधार होगा।

पीजीआई रोहतक रिटायर्ड सीनियर प्रोफेसर डा. रणबीर सिंह दहिया कहते हैं कि आम लोगों के मुकाबले सीनियर सिटीजन में बीमारियां थोड़ी अलग होती है। इलाज के साथ उनकी मनोदशा को जानना भी जरूरी होता है। उनकी बीमारियों को सीनियर फिजीशियन ही समझ सकते हैं।

सीनियर सिटीजन में जोड़ों में दर्द, हार्ट, सांस व पेशाब से संबंधी बीमारियां ज्यादा होती हैं। ये ऐसी बीमारियां हैं, जिनकी जांच व इलाज शुरुआती समय में ही शुरू हो जाना चाहिए। ऐसे में यदि प्रशिक्षित फिजीशियन उन्हें अच्छी तरह से देख ले तो उनकी समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती हैं। यदि सभी सीएचसी व पीएचसी डॉक्टरों को ट्रेनिंग मिल जाए तो यह एक बहुत अच्छी पहल होगी और मरीजों को पीजीआई या बड़े संस्थान की ओर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

हरियाणा में 10 फीसदी आबादी है बुजुर्गों की
हरियाणा में 60 साल या उससे अधिक आयु के लोग हरियाणा की कुल जनसंख्या का 10 फीसदी है। एक रिपोर्ट मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 42 फीसदी वृद्ध महिलाएं और 22 फीसदी पुरुष आर्थिक रूप से पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हैं। जबकि शहरी क्षेत्रों में 41 फीसदी वृद्ध महिलाएं और 23 फीसदी वृद्ध पुरुष आर्थिक रूप से पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हैं।

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