भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में राधा जी की रही है अनमोल भूमिका

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2025) मनाई जाती है। ऐसे में इस बार यह पर्व 31 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह तो लगभग सभी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में राधा जी की अनमोल भूमिका रही है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

प्रेम और भक्ति का दिव्य संगम हैं राधा-कृष्ण

जब भी हम श्रीकृष्ण के जीवन और उनके लीलामय व्यक्तित्व की चर्चा करते हैं, तो राधा जी का नाम स्वयं ही जुड़ जाता है। राधा और कृष्ण का संबंध केवल दो व्यक्तियों का संबंध नहीं है, बल्कि यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। श्रीकृष्ण जहां प्रेम के स्रोत हैं, वहीं राधा जी उस प्रेम का शुद्धतम स्वरूप हैं।

दिव्य प्रेम का प्रतीक

राधा-कृष्ण का संबंध संसार को यह सिखाता है कि प्रेम का वास्तविक रूप स्वार्थ से परे है। राधा जी ने कभी श्रीकृष्ण से कुछ मांगा नहीं, उन्होंने केवल समर्पण किया। उनका प्रेम त्याग, विश्वास और समर्पण पर आधारित है। यही कारण है कि आज भी “राधे-कृष्ण” का नाम एक साथ लिया जाता है।

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