स्टाइल के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छे हैं टोट बैग

आजकल लोग पर्यावरण के प्रति काफी जागरूक हुए हैं। युवा पीढ़ी भी इको फ्रेंडली चीजों को उपयोग करना पसंद करती है। इसलिए इन दिनों टोट बैग्स फैशन में हैं। ये बैग मज़बूत कपड़े से बने होते हैं और इनके हैंडल या तले पर मोटा चमड़ा लगा होता है। ये प्राकृतिक कैनवास जूट या नायलान के भी हो सकते हैं।
खास बात यह है कि ये प्लास्टिक बैग की तरह पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाते। पहले टोट बैग्स बाजार से सामान लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल होते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ टोट बैग्स का फैशन और ट्रेंड दोनों बदल गए हैं। अब कालेज, पार्टी, त्योहार, आफिस, कहीं भी टोट बैग्स उपयोग किए जा रहे हैं।
क्या है टोट का मतलब
टोट एक अमेरिकी शब्द है, जिसका मतलब हाथ से पकड़कर जाना है। टोट बैग पारंपरिक रूप से कैनवास से बने होते हैं। टोट बैग्स की खासियत है कि ये काफी टिकाऊ होते हैं, इसमें लैपटाप भी आसानी से आ जाता है।
बदल गया रूप
पहले टोट बैग्स खुले और झोले जैसे लगते थे, लेकिन अब ट्रेंड बदल गया है। अब बैग्स काफी बड़े साइज के आते हैं, जिनमें अधिक सामान भी ले जा सकते हैं। इनमें कई तरह की स्टाइल्स हैं, आप लेदर, जूट, क्रोसिया, काटन के कपड़ों से बने बैग्स चुन सकते हैं। इनमें किसी पर चेक डिजाइन पर हल्का सा प्रिंट, तो कहीं बस सालिड लेदर है। आज की युवा पीढ़ी ज्यादा रंगीन चीजें पसंद नहीं कर रही हैं, उन्हें साधारण और सालिड कलर की चीजें पसंद आ रही हैं। ऐसे में उन्हें टोट बैग्स खूब भा रहे हैं। टोट बैग्स 200 रुपये से 2000 हजार रुपये तक के बाजार में मिल जाते हैं।
मिनिमल और सिंपल पसंद कर रहे हैं युवा
आइटी कंपनी में काम करने वाली किम अग्रवाल बताती हैं कि पहले ऐसा होता था कि हम कूल और ट्रेंड बैग्स पसंद करते थे, लेकिन अब हमारी आइटी प्रोफेशनल सोच बदल गई है। हम मिनिमलिस्ट सोच के साथ साधारण लेकिन टिकाऊ चीजों पर फोकस करने लगे हैं। टोट बैग्स में खूब सारा सामान एक साथ आ जाता है, इसीलिए आफिस के लिए दो अलग बैग कैरी नहीं करने पड़ते। रंग के मामले में भी ये बहुत ही बेहतरीन हैं। इसमें सालिड कलर जैसे बेज, ब्राउन, ब्लैक आदि मिलते हैं।